सुप्रीम कोर्ट के काउंसिल सवेन्द्र सिंह का एयरपोर्ट ऑथोरिटी के कुछ अधिकारियों पर आरोप, ‘निजी स्वार्थ के कारण एयरपोर्ट की सुरक्षा से खिलवाड़’

Supreme Court counsel Savendra Singh accuses some officials of the Airport Authority of 'compromising with airport security due to personal interests'चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: केंद्र सरकार सफलतापूर्वक सबका साथ और सबका विकास के साथ आगे बढ़ रही है लेकिन, उसी सरकार के कुछ विभाग जब अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए नियमों को ताक पर रख देते हैं, तो विसंगतियां सामने आती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से काम कर रहे हैं , उससे देश की जनता ही नहीं, विदेशों में रहने वाले भारतीयों का मान भी बढ़ा है। उनके विकसित भारत के सपने को साकार करने में हर भारतीय की भूमिका महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली के हिमाचल भवन में आयोजित एक संवादाता सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के काउंसिल सर्वेंद्र सिंह ने कहा कि हमें गर्व है कि हम और आप उस समय हैं, जब देश का कुशल नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं। उनके बताए गए रास्तों पर हम और आप चल रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने जिस प्रकार से आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई हुई है, उसका ही फल है कि हम आज एक भ्रष्टाचार से जुड़े मसले पर बात करने आए हैं।

सुप्रीम कोर्ट में काउंसिल सवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी की विकसित भारत की परिकल्पना से इतर कुछ चंद अधिकारी मनमाने तरीके से इस प्रकार के कार्यों में जुटे हैं कि वो उन विदेशी कंपनियों को इंडिया से बाहर दिखने का कार्य कर रहे हैं। कुछ कंपनी भारत में निवेश भी करना चाहती है, लेकिन अपने स्वार्थ के कारण कुछ अधिकारी ऐसा होने नहीं दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मेरी जानकारी में ये आया है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने हाल में ही एक एक्सबीआईएस मशीन के टेंडर की प्रक्रिया में एक ऐसी कंपनी के साथ आगे जाने का फैसला किया है, जिनकी मशीन में आग लगने का इतिहास है। उदाहरण के रूप में बताना चाहता हूं कि इंदौर एयरपोर्ट पर जुलाई 2023 में एक्सबीआईएस मशीन में आग लगी थी। जिस कंपनी की मशीन में आग लगी थी, उसी कंपनी का हाल ही में टेंडर में कॉन्ट्रैक्ट देने का फैसला कुछ अधिकरियों ने करने मूड बनाया हुआ है। संभव है हो भी गया हो।

एक सवाल के जवाब में सवेन्द्र सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के खुद के सुपरवाइजर ने इस कंपनी की मशीन के अच्छे से काम न करने की शिकायत ईमेल के द्वारा की थी लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार का जांच नहीं किया गया। 6 मार्च, 11 मार्च और 21 मार्च, 2024 को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के इंदौर एयरपोर्ट के सुपरवाइजर ने इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया था। सुरक्षा जांच में चूक तक कही गई। लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

उनका यह भी कहना है कि माननीय मोदीजी ने बाहरी निवेश के रास्ते खोले हैं और टेक्नोलॉजी और इन्वेस्टमेंट के लिए इस प्रकार की कंपनियों को आमंत्रित किया है फिर भी लालफीताशाही के रहते उन विदेशी कम्पनिओ को गलत तरीके से टेंडर की प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है जो की बेहतर तकनीक से साथ इंडिया में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की इच्छुक हैं . इस प्रकार की कंपनियों के आगमन से प्रतिस्पर्धा बढ़ती हैं और सप्लाई की कीमतो में कमी आती है।

सुप्रीम कोर्ट में काउंसिल सवेंद्र सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा 102 एयरपोर्ट्स पर 700 से ज़्यादा मशीन सप्लाई लेनी है और जीएसटी नंबर न होने के बहाने से टेंडर से कुछ कंपनी को बाहर कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वेहंता टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ने दिया गया है, जबकि उनकी टेक्नीकल इवेल्यूशन के समय दो बार मशीन फेल हुई थीं।

सभी एयरपोर्ट पर इन मशीनों के जरिए ही विस्फोटक वस्तुओं, ड्रग्स, नारकोटिक्स, और सुरक्षा से संबंधित चीज़ों की पहचान की जाती है। ऐसे में जरा सी चूक देश को भारी पड़ सकती है। संवाददाता सम्मेलन में सवेन्द्र सिंह ने मांग की कि नागरिक उडयन मंत्रालय को इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए। एयरपोर्ट ऑथोरिटी के भीतर हो रहे इस गड़बड़झाले को दूर करना चाहिए।

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