शिक्षक मन, समाज और भविष्य का निर्माण करते हैं: डॉ. बीरबल झा ने शिक्षक दिवस पर किया प्रेरक भाषण
चिरौरी न्यूज
पटना: शिक्षक दिवस के अवसर पर ब्रिटिश लिंगुआ में डॉ. बीरबल झा ने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान का वाहक नहीं, बल्कि समाज के भविष्य का निर्माता होते हैं।
डॉ. झा ने कहा, “शिक्षक की सफलता पुरस्कारों में नहीं, बल्कि उनके छात्रों की उपलब्धियों में झलकती है। हर छात्र जो मार्गदर्शन पाता है, वह शिक्षक के पेशे और पहचान को आकार देता है।” उन्होंने ब्रिटिश लिंगुआ के छात्रों की उपलब्धियों का उदाहरण देते हुए गर्व व्यक्त किया।
उन्होंने शिक्षकों के स्थायी प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा, “जब शिक्षक किसी में ज्ञान का दीप जलाते हैं, वह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रकाशित करता है। शिक्षक मूल्य, आशा और चरित्र की नींव डालते हैं—यही समाज की असली ताकत है।”
अपने भाषण में डॉ. झा ने कहा, “शिक्षक अदृश्य हाथ हैं जो जीवन के पन्ने पलटते हैं और समाज की नियति बदलते हैं। उनका प्रभाव छात्रों के कर्मों में अनंत तक गूंजता है।”
अंत में, उन्होंने समाज से आग्रह किया कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता के रूप में सम्मानित हों और अपने गुरु को संस्कृत श्लोक के माध्यम से नमन किया:
“गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥”
भाषण के दौरान छात्रों और संकाय ने प्रेरणा प्राप्त की और शिक्षकों की समाज और राष्ट्र निर्माण में केंद्रीय भूमिका को पुनः स्वीकार किया।