शिमला की संजौली मस्जिद पर अदालत का बड़ा फैसला, पूरी इमारत को गिराने का आदेश

The court has issued a major verdict on Shimla's Sanjauli Mosque, ordering the demolition of the entire building.चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद को लेकर चल रहे लंबे विवाद पर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिला अदालत ने हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी की अपील को खारिज करते हुए पूरी मस्जिद को तोड़ने का आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यह निर्माण अनधिकृत (illegal) है क्योंकि इसके लिए आवश्यक निर्माण अनुमति और स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं।

यह मामला करीब एक दशक से अधिक समय से न्यायालय में लंबित था। विवाद उस समय शुरू हुआ जब स्थानीय प्रशासन ने मस्जिद की पांच मंज़िला इमारत को बिना अनुमति के बनाया गया बताते हुए इसे अवैध निर्माण घोषित किया था।

इस पर मस्जिद कमेटी और हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था और नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती दी थी।

हालांकि, 30 अक्टूबर 2025 को जिला अदालत ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया और अपील को पूरी तरह खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि, “मस्जिद भवन के निर्माण के लिए कोई वैध अनुमति नहीं ली गई थी। स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज़ अधूरे हैं, इसलिए यह निर्माण विधिक रूप से अस्वीकृत है। अतः नगर निगम द्वारा जारी विध्वंस आदेश को बरकरार रखा जाता है।”

स्थानीय विरोध और प्रदर्शन

पिछले कुछ महीनों से यह मामला फिर से सुर्खियों में आया था, जब स्थानीय निवासियों और हिंदू संगठनों ने कथित अवैध निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि संजौली क्षेत्र में यह इमारत सुरक्षा और शहरी नियोजन के मानकों का उल्लंघन करती है।

प्रदर्शन बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें पाया गया कि इमारत के पास न तो नगर निगम की स्वीकृति, न ही भूमि स्वामित्व के वैध दस्तावेज मौजूद थे।

अब आगे क्या?

अदालत के इस फैसले के बाद अब नगर निगम शिमला को विध्वंस की प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार मिल गया है। प्रशासन ने कहा है कि वह अदालत के निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई करेगा और विध्वंस के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे।

हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड की ओर से संकेत मिला है कि वे अब हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील करने पर विचार कर रहे हैं।

प्रशासन की अपील

जिला प्रशासन ने शिमला के लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाह या भड़काऊ जानकारी से दूर रहने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा है कि, “यह मामला पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है, और हर पक्ष को न्यायालय में अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया गया था।”

संजौली मस्जिद विवाद का यह फैसला शिमला में अवैध निर्माणों पर प्रशासन की सख्ती के रूप में देखा जा रहा है। अदालत के आदेश के बाद अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि विध्वंस की कार्रवाई कब शुरू होती है और प्रशासन इसे कितनी पारदर्शिता से अंजाम देता है।

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