सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भटिंडा में दिव्यांग जनों को देगा सहायता उपकरण

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने 2 जनवरी, 2021 को पंजाब के भटिंडा में आयोजित एक वितरण कैंप का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया, जिसके तहत भारत सरकार की राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) और एडीआईपी योजना के अंतर्गत खंड स्तर पर चयनित वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग जनों को सहायता उपकरणों का वितरण किया जाएगा।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री गुर्जर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए बजट आवंटन में लगातार वृद्धि की जा रही है और उसका उपयोग भी किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को सहायता उपकरण उपलब्ध कराने का मुख्य उद्देश्य उन्हें सशक्त बना कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। दिव्यांगजन मानव संसाधन का अभिन्न अंग हैं। ऐसे वितरण शिविरों के आयोजन की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि ऐसे शिविर दिव्यांगजनों के लिए चलाई जा रही केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याण योजना के बारे में जागरुकता का प्रसार करना है।

श्री गुर्जर ने कहा कि ‘शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के अधिकार 2016’ नियम के क्रियान्वयन के बाद दिव्यांगता श्रेणियों को बढ़ाकर 7 से 21 किया गया और दिव्यांगजनों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण में भी 1 प्रतिशत की वृद्धि की गई और यह अब 3 प्रतिशत के मुकाबले 4 प्रतिशत हो गई है। साथ ही उच्च शिक्षा में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर अब 5 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने आगे सूचित किया कि मंत्रालय उन बच्चों के लिए जिन्हें कम सुनाई देता है और जो बोल नहीं सकते, उपकरण वितरित करने की योजना क्रियान्वित कर रहा है और इसके तहत प्रत्येक ऐसे बच्चे के लिए 6 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।

कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री उपमा श्रीवास्तव ने भी वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया जबकि बठिंडा जिले के वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रहे। एएलआईएमसीओ के महाप्रबंधक पी के दुबे ने एएलआईएमसीओ का प्रतिनिधित्व करते हुए संस्था के मुख्यालय कानपुर से कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया।

इस आयोजन के अंतर्गत भटिंडा जिले में कुल 1907 लाभार्थियों को 4590 सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए कुल 162.47 लाख रुपयों की लागत आएगी। यह उपकरण लाभार्थियों में वितरित करने के लिए खंड स्तर पर वितरण शिविरों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। कुल लाभार्थियों में 564 दिव्यांगजन हैं जिन्हें एडीआईपी योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त होगा जबकि 1343 वरिष्ठ नागरिक हैं जिन्हें राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत लाभ प्रदान किया जाएगा। लाभार्थी वरिष्ठ नागरिकों का पंजीकरण और पहचान जनवरी 2018 में की गई थी जबकि दिव्यांगजनों की पहचान और पंजीकरण के लिए पिछले वर्ष जनवरी महीने में एएलआईएमसीओ ने आकलन शिविर आयोजित किए थे।

अलग-अलग खंडों में वितरित किए जाने वाले कुल सहायता उपकरणों में 138 तिपहिया वाहन, 734 व्हीलचेयर, 15 सीपी चेयर, 199 क्रचेज़, 1305 चलने के लिए छड़ी, 15 रोलेटर, 18 स्मार्ट केन, 7 स्मार्टफोन, 6 डेजी प्लेयर, दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल किट, बधिरों के लिए 1843 हियरिंग एड उपकरण, दिमागी रूप से कमजोर लोगों के लिए 45 एमएसआईईडी किट और टेट्रापोड 106 कृत्रिम अंग और कैलिपर शामिल हैं।

इस शिविर का आयोजन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तत्वावधान में एएलआईएमसीओ, कानपुर द्वारा भटिंडा के सामाजिक कल्याण विभाग और जिला प्रशासन के साथ मिलकर आयोजित किया गया। इन शिविरों का आयोजन कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय द्वारा जारी कार्यक्रम क्रियान्वयन की नई मानक प्रक्रिया (एसओपी) के तहत किया जा रहा है। वितरण हेतु आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में कोविड-19 के संक्रमण की संभावनाओं पर भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है जिसमें सामाजिक दूरी, सभी की थर्मल स्कैनिंग, सभी द्वारा मास्क पहनना और आयोजन स्थल पर पहुंचने वाले सभी लाभार्थियों का पीपीई किट के इस्तेमाल के साथ विशेषज्ञों द्वारा सैनिटाइजेशन शामिल है।

 

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