श्रीनगर के खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अब कयाकिंग और कैनोइंग में भी दिया जाएगा प्रशिक्षण
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: कयाकिंग और कैनोइंग खेलों में जम्मू और कश्मीर के एथलीटों के पूर्व के सराहनीय प्रदर्शनों को और मज़बूती से आगे बढ़ाने की वचनबद्धता पर कदम बढ़ाते हुए, युवा मामले और खेल मंत्रालय ने दो वाटर खेलों को श्रीनगर स्थित खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (केआईएससीई) से जोड़ने का निर्णय किया है। जम्मू-कश्मीर खेल परिषद और राज्य सरकार ने इन खेलों को सेंटर से जोड़ने का अनुरोध किया था। राज्य में मौजूदा जे एंड के वाटर स्पोर्ट्स अकादमी की सुविधाओं में सुधार के बाद, अप्रैल 2021 में केआईएससीई का शुभारंभ किया गया था इसमें पहले सिर्फ नौकायन के लिए प्रशिक्षण की सुविधा थी।
इस निर्णय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कयाकिंग और कैनोइंग में राज्य के एथलीटों का प्रदर्शन विश्व चैंपियनशिप और एशियाई चैम्पियनशिप जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रभावशाली रहा है। श्रीनगर में केआईएससीई को दो खेलों के लिए प्रशिक्षण सुविधाओं से लैस करने का निर्णय लिया गया है ताकि राज्य की अधिक से अधिक खेल प्रतिभाओं को खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने और विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिले।
भारतीय खेल प्राधिकरण और जम्मू-कश्मीर खेल परिषद इन दोनों खेलों में प्रशिक्षण को लागू करने के लिए आवश्यकताओं का मूल्याँकन करेगी और इसी के अनुसार प्रशिक्षण और आवश्यक उपकरणों को प्रदान किया जाएगा।
खेल के क्षेत्र में विकास पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल, मनोज सिन्हा ने कहा कि हम श्रीनगर में खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना चाहते हैं ताकि यहां अधिक से अधिक एथलीटों को प्रशिक्षित किया जा सके। इन दो खेल विधाओं के जुड़ने से अधिक भागीदारी होगी और अन्य राज्यों की खेल प्रतिभाओं को भी यहां प्रशिक्षण के लिए आकर्षित किया जाएगा। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि इसे संभव बनाने के लिए खेल मंत्रालय और राज्य सरकार ने संयुक्त रूप से कार्य किया है।
इस प्रयास का वरिष्ठ एथलीटों और खेल प्रशासकों ने समान रूप से स्वागत किया है। इस निर्णय के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इंडियन कयाकिंग एंड कैनोइंग एसोसिएशन के महासचिव, प्रशांत कुशवाहा ने कहा कि वह इस निर्णय के लिए केंद्र के आभारी हैं। कयाकिंग, कैनोइंग और रोइंग ने मिलकर ओलंपिक में कुल 63 पदक जीते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम इन खेलों में युवाओं को प्रशिक्षण दे सकें तो ओलंपिक में भारत की पदक तालिका काफी बढ़ सकती हैं। इन खेलों के उपकरण बहुत महंगे हैं और इसलिए खेलो इंडिया योजना के माध्यम से समर्थन वास्तव में लाभकारी साबित होगा। साथ ही, कश्मीर अकादमी के लिए एक बहुत ही रणनीतिक स्थल है क्योंकि यहाँ का मौसम यूरोपीय देशों के साथ मेल खाता है जहां अधिकांश प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। यह भारत में वाटर स्पोर्ट्स को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
राज्य से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कयाकिंग एथलीट, बिलकिस मीर ने कहा कि श्रीनगर में खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के इस निर्णय का ऐतिहासिक महत्व है। उन्होंने कहा कि वह 21 वर्षों से वाटर स्पोर्ट्स से जुड़े हैं और यह पहली बार है कि राज्य में उचित प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करने के लिए इतना कुछ किया गया है। उन्होंने कहा कि 2009 में उन्होंने विश्व कप में भाग लिया और सेमीफाइनल में पहुंचे। अगर उस समय उनके पास इस तरह की सुविधाएं होती, तो उन्हें यकीन है कि वह फाइनल में भी जगह बना सकते थे। केआईएससीई की शुभारंभ और अब कयाकिंग और कैनोइंग को शामिल करने से इन खेलों के युवा एथलीट उत्साहित होंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि कि आने वाले वर्षों में वे ओलंपिक में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने में सक्षम होंगे। उन्होंने इस पहल के लिए केंद्र और राज्य को धन्यवाद भी दिया।