ट्राइफेड और अरुणाचल प्रदेश सरकार ने वन धन योजना में न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए किया समझौता

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: ट्राइफेड ने अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ मिलकर अरुणाचल प्रदेश में वन धन योजना और लघु वनोपज योजना में न्यूनतम समर्थन मूल्य के कार्यान्वयन के लिए 19 मार्च, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। आदिवासियों (वनवासियों एवं कारीगरों दोनों) की आजीविका में वृद्धि करने तथा आदिवासी सशक्तीकरण की दिशा में काम करने के अपने मिशन के तहत ट्राइफेड कई कार्यक्रमों और पहलों की शुरुआत कर रहा है।

अरुणाचल प्रदेश राज्य का ग्रामीण विकास विभाग इस योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी का कार्य करेगा, जबकि अरुणाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एआरएसआरएलएम) इसकी कार्यान्वयन एजेंसी होगी। इस समझौते के तहत, इस वर्ष राज्य में 100 वन धन विकास केंद्र स्थापित किए जाने की योजना है। राज्य नोडल एजेंसी और कार्यान्वयन एजेंसी की टीमें ट्राइफेड के क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ इस योजना के कार्यान्वयन की देखरेख के लिए विभिन्न गांवों तथा जिलों का दौरा करेंगी। देश के 21 राज्यों में राज्य सरकार की एजेंसियों के सहयोग से ट्राइफेड द्वारा संकल्पनाबद्ध और कार्यान्वित ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से लघु वन उपज (एमएफपी) के विपणन के लिए तंत्र एवं एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला का विकास’ जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है। जिसे 2005 के वन अधिकार अधिनियम के तहत अधिकार व शक्तियां प्राप्त हैं और इसका उद्देश्य वन उपज के आदिवासी संग्रहकर्ताओं को पारिश्रमिक और उचित मूल्य प्रदान करना है, जिससे उनकी आय को लगभग तीन गुना करने में मदद मिलेगी।

वन धन योजना (वीडीवाई), वन में रहने वाली जनजातियों के लिए स्थायी आजीविका के निर्माण की सुविधा के लिए वन धन केंद्रों की स्थापना करके एमएफपी के मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग और विपणन के लिए शुरू किये गए कार्यक्रम का ही एक घटक है। कोविड महामारी के दौरान एमएफपी योजना के लिए एमएसपी ने जनजातीय लोगों के लिए बड़ी राहत पहुंचाई है और इसने आदिवासी अर्थव्यवस्था में सीधे 3000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है। वन धन आदिवासी स्टार्ट-अप ने एमएसपी को और अधिक बेहतर तरीके से संकलित किया है क्योंकि यह जनजातीय लोगों एवं वनवासियों तथा घर पर रहकर काम करने वाले आदिवासी कारीगरों के लिए रोजगार सृजन का एक स्रोत बन गया है। इतना ही नहीं, ये दोनों पहलें रोजगार और आय एवं उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाले आदिवासियों के लिए एक व्यापक विकास पैकेज प्रदान करती हैं।

ट्राइफेड ने अब तक 21 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 1770 वन धन केंद्र (वीडीके) स्वीकृत किए हैं, जिनसे 5.3 लाख आदिवासी जुड़े हुए हैं। इनमें पूर्वोत्तर राज्यों के 1.73 आदिवासी लाभार्थियों से जुड़े 586 वन धन केंद्र भी शामिल हैं। अरुणाचल प्रदेश पूर्वोत्तर के उन राज्यों में से एक था, जहां इस योजना को अभी तक शुरू नहीं किया गया था। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के साथ ही, अब अरुणाचल प्रदेश भी इस काम में आगे बढ़ेगा। वन धन योजना और लघु वनोपज योजना में न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी प्रमुख युक्तियों के माध्यम से आदिवासी लोगों के लिए आय तथा आजीविका उत्पन्न करने की दिशा में काम करना लगातार जारी है।

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