यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की, रूस के साथ तेल व्यापार का मुद्दा उठाया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर उन्हें यूक्रेनी शहरों और गांवों पर हो रहे रूसी हमलों की जानकारी दी। ज़ेलेंस्की ने ज़ापोरिज़िया में हुए ताजा हमले का भी ज़िक्र किया, जहां एक बस स्टेशन पर रूसी बमबारी में दर्जनों लोग घायल हो गए।
उन्होंने इस हमले को जानबूझकर आम नागरिकों पर किया गया हमला बताया। बातचीत के दौरान ज़ेलेंस्की ने कहा कि जब दुनिया युद्ध को समाप्त करने के लिए राजनयिक संभावनाएं तलाश रही है, तब रूस केवल कब्ज़ा और हिंसा को जारी रखने की मंशा दिखा रहा है, जिससे साफ है कि वह संघर्षविराम के लिए तैयार नहीं है।
ज़ेलेंस्की ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री से लंबी बातचीत की और दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग से लेकर मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हालात तक सभी अहम विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेनी जनता के लिए समर्थन जताने पर धन्यवाद दिया और कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और इस बात को मानता है कि यूक्रेन से जुड़े किसी भी मुद्दे पर फैसला यूक्रेन की भागीदारी से ही होना चाहिए।
दोनों नेताओं के बीच रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर भी चर्चा हुई। ज़ेलेंस्की ने इस बात पर जोर दिया कि रूस की युद्ध क्षमता को सीमित करने के लिए उसके ऊर्जा निर्यात, विशेष रूप से तेल के निर्यात पर रोक लगाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हर वह नेता जिसके पास रूस पर असर डालने की ताकत है, वह मॉस्को को सख्त संदेश दे।
प्रधानमंत्री मोदी और ज़ेलेंस्की ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान व्यक्तिगत रूप से मिलने पर भी सहमति जताई और द्विपक्षीय दौरों के आदान-प्रदान पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ेलेंस्की को भारत की लगातार और अडिग नीति से अवगत कराते हुए कहा कि भारत हमेशा से शांति स्थापना का पक्षधर रहा है और वह युद्ध को जल्द समाप्त करने के हर प्रयास का समर्थन करता रहेगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत इस दिशा में हर संभव सहयोग देने को तैयार है।
बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और आपसी हितों के क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा कि वह राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से बात करके प्रसन्न हुए और यूक्रेन की स्थिति पर उनके विचारों को सुनना उपयोगी रहा। उन्होंने दोहराया कि भारत संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर देता है और इस दिशा में हर संभव योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
ज़ेलेंस्की द्वारा रूस पर प्रतिबंध और ऊर्जा निर्यात को सीमित करने की मांग ऐसे समय में आई है जब कुछ ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया।
ट्रंप पहले ही भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क और अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क लगा चुके थे, जिसे उन्होंने 6 अगस्त को और 25 प्रतिशत बढ़ा दिया। इसके जवाब में भारत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऊर्जा सुरक्षा के लिए रूस से तेल खरीदना आवश्यक है और अमेरिका का भारत को अकेला निशाना बनाना अनुचित है, खासकर जब कई अन्य देश भी यही कर रहे हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ये कदम न केवल अनुचित हैं बल्कि अकारण और अव्यावहारिक भी हैं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।