यूनियन कैबिनेट ने एसजेवीएन की 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के लिए 2614 करोड़ रुपए की निवेश स्वीकृति प्रदान की

Union Cabinet approves investment of Rs 2614 crore for SJVN's 382 MW Sunni Dam Hydro Electric Projectचिरौरी न्यूज़

शिमला: श्री नन्द लाल शर्मा,अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने आज अवगत करवाया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों संबंधी कैबिनेट समिति ने हिमाचल प्रदेश में 382 मेगावाट सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना के लिए 2614 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी प्रदान की।

श्री नन्द लाल शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी जिले में सतलुज नदी पर निष्पाटदित की जा रही रन ऑफ रिवर परियोजना में 71 मी. ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध और इसके सतही पावर हाउस में छ: उत्पादन इकाइयां होंगी। परियोजना से 1382 मिलियन यूनिट विद्युत का वार्षिक उत्पादन होगा और उत्पादित विद्युत का लेवलाईज्डि टैरिफ 3.90 रुपए प्रति यूनिट होगा। निर्माण कार्य आरंभ होने के 63 माह के भीतर परियोजना कीकमीशनिंग निर्धारित है। परियोजना को 70:30 के ऋण इक्विटी अनुपात पर वित्तपोषित किया जा रहा है और यह परियोजना पूरी होने पर एसजेवीएन इक्विटी पर 16.50% का रिटर्न अर्जित करेगी।

श्री नन्द लाल शर्मा ने बताया कि वन और पर्यावरण मंजूरी पहले ही प्रदान की जा चुकी है, जबकि 266 करोड़ रुपए निर्माण पूर्व गतिविधियों पर व्यीय किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि परियोजना की निर्माण गतिविधियों से लगभग 4000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्ते होगा। कमीशनिंग पर,1% स्थानीय क्षेत्र विकास निधि सहित हिमाचल प्रदेश सरकार को उत्पापदित विद्युत का 13% नि:शुल्कर प्रदान किया जाएगा। 40 वर्षों के परियोजना जीवन काल के लिएयह नि:शुल्का विद्युत 2803 करोड़ रुपए के लाभ में परिवर्तित होती है।

श्री नन्द लाल शर्मा ने आगे कहा कि प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को दस वर्षों के लिए प्रति माह 100 यूनिट नि:शुल्कक विद्युत प्रदान की जाएगी। परियोजना के निर्माण से सड़कों, पुलों, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य संरचनात्मीक ढांचे में भी सुधार होगा और परियोजना इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना ग्रिड को 1382 मि.यू. हरित ऊर्जा प्रदान करेगी तथा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 1.1 मिलियन टन की वार्षिक कमी करने में सहायक होगी। यह जलविद्युत परियोजना सौर और पवन ऊर्जा की अनिरंतर प्रकृति को संतुलित करने में तथा ग्रिड को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस परियोजना की कमीशनिंग से हर भारतवासी को चौबीसों घंटे विद्युत उपलब्ध करवाने के भारत सरकार के विजन कोसाकार करने में महत्विपूर्ण योगदान मिलेगा।

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