अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा: पीएम मोदी से करेंगे से करेंगे द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (J.D. Vance) 21 से 24 अप्रैल तक आधिकारिक यात्रा पर भारत आ रहे हैं। यह किसी अमेरिकी उपराष्ट्रपति की 13 वर्षों में पहली भारत यात्रा होगी। इससे पहले 2013 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति जो बाइडेन भारत आए थे।
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को कहा कि इस दौरे के दौरान भारत और अमेरिका के बीच फरवरी में जारी संयुक्त वक्तव्य के क्रियान्वयन और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही दोनों पक्ष क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।
यह उपराष्ट्रपति वेंस की पहली भारत यात्रा होगी। यात्रा की शुरुआत 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के साथ होगी। अमेरिकी उपराष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी उषा वेंस, उनके दो बेटे और अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी भारत आ रहे हैं। यात्रा के दौरान वेंस और उनका परिवार नई दिल्ली, जयपुर और आगरा का भी दौरा करेंगे और कई सांस्कृतिक स्थलों पर सहभागिता करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “यह यात्रा भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा और 13 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान जारी संयुक्त वक्तव्य के कार्यान्वयन पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगी।”
व्हाइट हाउस की ओर से भी उपराष्ट्रपति वेंस की यात्रा की पुष्टि की गई है। भारत दौरे से पहले उपराष्ट्रपति वेंस इटली जाएंगे। भारत इस दो देशों की यात्रा का दूसरा पड़ाव होगा।
उप-राष्ट्रपति वेंस की पत्नी उषा वेंस का जन्म अमेरिका के सैन डिएगो में हुआ था, लेकिन उनके माता-पिता मूल रूप से आंध्र प्रदेश से हैं। उनका जन्म नाम उषा बाला चिलुकुरी है।
जेडी वेंस, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों के मजबूत समर्थक माने जाते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप उन्हें कई बार विदेशी नेताओं के साथ बैठकों के दौरान मंच पर बुलाते रहे हैं।
व्हाइट हाउस के बयान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज का उल्लेख नहीं किया गया है, और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह भारत कब आएंगे। यदि वह यात्रा करते हैं, तो वह तुलसी गबार्ड और उपराष्ट्रपति वेंस के बाद ट्रंप प्रशासन के तीसरे शीर्ष अधिकारी होंगे जो भारत का दौरा करेंगे।