मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा; दो लोगों की मौत, सात घायल

चिरौरी न्यूज
इम्फाल: मणिपुर के बिष्णुपुर-चुराचाँदपुर सीमा क्षेत्र के पास खेतों में काम कर रहे कुछ किसानों पर हथियारबंद बदमाशों द्वारा की गई गोलीबारी में ग्राम स्वयंसेवक के रूप में तैनात दो लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए।
ताजा हिंसा मंगलवार को बिष्णुपुर के नारानसीना गांव में हुई। हिंसा की घटना तब हुई राज्य में विधान सभा का एक दिवसीय सत्र बुलाया गया था। पिछले कुछ दिनों की शांति के बाद हिंसा प्रभावित राज्य में सामान्य स्थिति लौटने के संकेत देखे गए थे।
पीड़ितों की पहचान लाइबुजम इनाओ और जांगमिनलेन गंगटे के रूप में की गई। यह भी बताया गया है कि बिष्णुपुर में सुरक्षाकर्मियों ने हमलावरों से लड़ते समय गोलियां चलायीं।
Search Operation, Checking and Recovery of Arms and Ammunition:
Search operations were conducted by security forces in the fringe and vulnerable areas of Bishnupur, Kakching, Churachandpur and Thoubal districts and recovered 01(one) arm, 20 (twenty) ammunition and 07 (seven)… pic.twitter.com/FcmqkOchyz— Manipur Police (@manipur_police) August 29, 2023
मणिपुर पुलिस ने सोमवार को तीन अलग-अलग आतंकवादी समूहों से जुड़े चार लोगों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
उनमें एनएससीएन (आईएम) का एक सदस्य, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का एक सदस्य और कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (लामियानबा खुमान गुट) से जुड़े “ओवरग्राउंड” कार्यकर्ताओं के रूप में पहचाने गए दो लोग शामिल थे।
गिरफ्तारियाँ इम्फाल पूर्व और बिष्णुपुर जिलों में हुईं। कानून प्रवर्तन ने इन अभियानों के दौरान कुल छह आग्नेयास्त्र, पांच कारतूस और दो विस्फोटक जब्त किए।
मंगलवार को पुलिस ने बिष्णुपुर, काकचिंग, चुरचांदपुर और थौबल जिलों के सीमावर्ती इलाकों में की गई सुरक्षा जांच के दौरान एक आग्नेयास्त्र, 20 जीवित गोला बारूद और 7 विस्फोटक बरामद किए।
मणिपुर लगभग चार महीने से दो जातीय समूहों – मेइतेई और कुकी के बीच हिंसा से जूझ रहा है। 3 मई को तत्कालीन उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आदिवासी समूहों द्वारा बुलाए गए विरोध मार्च के दौरान राज्य भर में झड़पें हुईं, जिसमें राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग पर विचार करने के लिए कहा गया था।