वोका का सीज़न 2 लांच: 22 एपिसोड में नानी की बुद्धिमानी भरी बातों के साथ होंगी मनमोहक, आकर्षक और शिक्षाप्रद ढेरों कहानी

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: वर्ल्ड ऑफ किरण अग्रवाल (वोका) एक मजे़दार सोशल मीडिया चैनल है जो बच्चों को दिलचस्प, प्रेरक और मजेदार अंदाज में श्रेष्ठ जीवन की सीख देता है और इसके लिए उपदेश का माध्यम नहीं चुनता है। वोका सीजन 1 की सफलता के बाद नानी की बुद्धिमानी भरी बातों के साथ सीजन 2 लांच की गई है। सीजन 2 के 22 एपिसोड हैं जिनमें खास कर कम उम्र के दर्शकों के लिए मनोरंजक कहानियां हैं। वोका का मकसद हल्के और मनोरंजक तरीके से व्यक्तित्व विकास पर केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा देना है।

श्रीमती किरण अग्रवाल ने दोनों सीजन के लिए कहानियों की अवधारणा और परिकल्पना ही नहीं बल्कि लेखन भी किया है। एनीमेशन और अन्य प्रभाव के लिए उन्होंने निशांत कुमार से करार किया है, जिनकी कम्पनी सनशाइन मीडिया ने रोमांचक ग्राफिक्स, नैरेशन, साउंड इफेक्ट और पृष्ठभूमि संगीत के अच्छे मिश्रण से इस सीजन को देखने में अधिक मजेदार बनाया है। कहानी कहने के लिए श्रीमती अग्रवाल ने मशहूर टीवी और फिल्म लेखक सौरभ भारद्वाज से करार किया है। रचनात्मक भागीदारों के इस तालमेल से कहानियों में चार चांद लगे हैं जिनका मकसद बच्चों और अन्य चाहने वालों में जीवन के अच्छे मूल्यों का विकास करना है ताकि वे खुद और समाज के बेहतर भविष्य के लिए काम करें।
वोका के रोमांचक और शिक्षावर्धक सीजन 2 की लांच पर यह पहल करने वाली खुद श्रीमती किरण अग्रवाल ने कहा, ‘‘बच्चों को पढ़ाने, प्रभावित और प्रेरित करने के सबसे सशक्त माध्यमों में  एक उन्हें कहानी सुनाना है। वोका का मुख्य लक्ष्य आकर्षक कहानियों के माध्यम से बच्चों को सफल जीवन और अच्छे मूल्यों की सीख देना है। मुझे लगता है कि बच्चों को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक जड़ों को जानने का अवसर देना जरूरी है। भागदौड़ की जिन्दगी में भूले-बिसरे मूल्यों की याद दिलाना है।’’
वोका का नया सीजन दिलचस्प, मजेदार, ताजा और प्रेरणादायक कहानियां लेकर आया है जिनसे बच्चों के अंतर्मन में मानवीय मूल्यों का विकास होगा। सीजन 2 में श्रेष्ठ जीवन की सीख शामिल हैं जैसे संगठन में शक्ति, कभी झूठ मत बोलो, लालच बुरी बला, परोपकार करना, लापरवाह नहीं होना, डर दूर करना, हमेशा माता-पिता की बात सुनना। दिलचस्प, मनमोहक और रचनात्मक कहानियों के संग्रह के माध्यम से वोका का प्रयास जीवन और सीखने के नए मायनों की तलाश है। यह बचपन में ही जीवन का ज्ञान और सार बताने के प्रति वोका के अभूतपूर्व दृष्टिकोण और दूरदर्शिता का हिस्सा है। वोका का मानना है कि आखिर आज के बच्चे ही कल के विचारक, लेखक, अभिनेता और नेता बनेंगे।

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