क्यों है 5 अगस्त इतना ख़ास?
शिवानी रज़वारिया
कोरोना के इस काल में 5 अगस्त बहुत महत्वपूर्ण तारीख़ बन गई है। सब की ज़ुबान पर 5 अगस्त का रट्टा है, पर 5 अगस्त का इंतजार और तैयारियां सिर्फ भारत में ही नहीं है बल्कि भारत का विरोधी देश पाकिस्तान भी 5 अगस्त की तैयारियों में लगा हुआ हैं। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी ने भी 5 अगस्त को लेकर बयान दिया है। चलिए बताते है आपको 5 अगस्त का पूरा मामला क्या है और क्यों है ये दिन इतना ख़ास जिसके लिए कोरोना काल में भी आम जनता से लेकर सरकार तक जी जान से लगे हुए हैं।
दरअसल,अयोध्या में 5 अगस्त को राम मन्दिर भूमि पूजन होने जा रहा है जिसमें ख़ुद पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होंगे पूरा देश हर्ष उल्लास के साथ 5 अगस्त का इंतजार कर रहा है।इतने लंबे इंतजार के बाद 5 अगस्त की तारीख मुकम्मल की गई है जब अयोध्या में राम की जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा और पहली ईट रखी जाएगी इस कारण अयोध्या सहित पूरे देश में राम मंदिर के निर्माण पर एक उत्सव का माहौल बना हुआ हैं।
5 अगस्त एक ऐतिहासिक तारीख बनने जा रही है या यूं कहें एक ऐतिहासिक तारीख के दिन एक और ऐतिहासिक पल दर्ज़ होने जा रहा है।क्योंकि पिछले साल तिथि 5 अगस्त 2019 को लोकसभा में भाजपा सरकार द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया था। जिसका स्वागत और विरोध दोनों ही किए गए।पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को नरेंद्र मोदी सरकार ने ख़ारिज करार कर दिया था। जिसके बाद विरोधी देश पाकिस्तान ने जमकर इसका विरोध किया था और यही कारण है कि आने वाली तारीख 5 अगस्त को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने एक साल पूरा होने पर इसे काले दिन के रूप में मनाने की घोषणा की है जिसके लिए इमरान खान ने पाकिस्तानी मीडिया से विशेष प्रोग्राम प्रसारित करने को भी कहा है और सभी मीडिया हाउस अपने चैनल के लोगो को ब्लैक रंग से रंग देंगे।
कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने 5 अगस्त को काला दिन बताया है उन्होंने अपने बयान में क्या कहा यह बताने से पहले मैं आपको बता दूं कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद 5 अगस्त को कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ कई नेताओं को जन सुरक्षा कानून के तहत नजर बंद कर दिया गया था ताकि कश्मीर में किसी प्रकार का उपद्रव ना मचें। जिसमें कई नेताओं को नजरबंदी से मुक्त कर दिया गया है हाल ही में एक बॉन्ड पर सिग्नेचर कराकर कई नेताओं को रिहा भी किया जा चुका है। यह बॉन्ड अनुच्छेद 370 के खिलाफ प्रदर्शन न करने की गारंटी थी। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय से महबूबा मुफ्ती हिरासत में हैं।और शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा नजरबंदी को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है।
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने एक चैनल पर बात चीत के दौरान में कहा कि, “5 अगस्त का दिन हमारे लिए ऐतिहासिक दिन नहीं है। हमारे लिए 5 अगस्त काला दिन है। मैं इस सवाल का जवाब नहीं दे सकती हूं कि पता नहीं क्यों गृह मंत्रालय ने मेरी मां को कैद में रखा है, संदेश ये है कि ये मेरी मां के मामले को एक नजीर बनाना चाहते हैं।”
इल्तिजा मुफ्ती ये भी कहा,कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ सामूहिक संघर्ष की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब कोई आजाद नहीं है यहां पर खौफ का वातावरण तैयार किया गया है। सभी लोग जेल में हैं। वसीम बारी की हत्या इस बात का सबूत है कि 370 को हटाने से ही आतंकवाद खत्म नहीं हो जाएगा।इससे पहले इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीट किया था कि जन सुरक्षा कानून के तहत उनकी हिरासत अवधि नवंबर 2020 तक बढ़ा दी गई है।
फिलहाल 5 अगस्त का इंतज़ार भारत की जनता को बेसब्री से हैं उनकी आस्था,श्रद्धा,भावनाएं राममंदिर से जुड़ी है और सरकार भी पूरे जोरों शोरों से मंदिर निर्माण में कार्यरत हैं वहीं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने का एक साल पूरा हो रहा है जिस पर नई नई प्रतिक्रियाएं सामने आएंगी।