रिक्त कमर्शियल स्थानों को ‘कन्वीनिएंस स्टोर’ में बदलने पर योगी सरकार का फोकस
चिरौरी न्यूज
नोएडा/लखनऊ:
- नोएडा के कुल संचालित 29 मेट्रो स्टेशंस में से 6 चिह्नित मेट्रो स्टेशंस के ग्राउंड फ्लोर के विकास व कायाकल्प का मार्ग हुआ प्रशस्त
- नागरिक सुविधाओं में इजाफा करने पर फोकस, स्टेयरकेस के पास रिक्त स्थानों को कियोस्क में परिवर्तित करने की प्रक्रिया हुई शुरू
- कन्वीनिएंस स्टोर के निर्माण, संचालन और लाइसेंस निर्धारण प्रक्रिया को गति देने पर योगी सरकार का फोकस
- नोएडा मेट्रो में विभिन्न प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के लिए जनशक्ति आबद्ध किए जाने की प्रक्रिया की भी हुई शुरुआत
उत्तर प्रदेश को प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर रखने की दिशा में कार्यरत योगी सरकार ने प्रदेश में नई शक्ति के साथ लंबित परियोजनाओं पर कार्य करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत व केंद्रीय कैबिनेट गठन के बाद केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम के तौर पर सुचारू विभिन्न परियोजनाओं को गति देने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिन परियोजनाओं पर तेजी से कार्य करने की दिशा में मुख्य तौर पर फोकस किया जा रहा है उनमें नागरिक सेवाओं संबंधी परियोजनाएं प्रमुख हैं।
इसी क्रम में, नोएडा के कुल संचालित 29 मेट्रो स्टेशंस में से 6 चिह्नित मेट्रो स्टेशंस के ग्राउंड फ्लोर पर कमर्शियल रिक्त स्थानों को कन्वीनिएंस स्टोर में बदलने की प्रक्रिया पर योगी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, विभिन्न मेट्रो स्टेशंस के कुशल संचालन को बढ़ावा देने के लिए जनशक्ति आबद्ध किए जाने की प्रक्रिया की भी शुरुआत कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मेट्रो रेल परियोजना के विस्तार के अंतर्गत लंबित फेजों के कार्यों की प्रगति को भी गति देने का मार्ग भी योगी सरकार द्वारा प्रशस्त किया जा रहा है। इससे न केवल मेट्रो स्टेशंस पर मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा होगा बल्कि नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एनएमआरसी) की आय में भी वृद्धि होगी।
कुल 6 मेट्रो स्टेशंस पर कियोस्क के तौर पर होगा कन्वीनिएंस स्टोर का निर्माण
नागरिक सुविधाओं में इजाफा को लक्षित कर योगी सरकार की मंशा के अनुरूप नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एनएमआरसी) ने 6 चिह्नित मेट्रो स्टेशंस के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित रिक्त कमर्शियल स्थानों को कन्वीनिएंस स्टोर में परिवर्तित करने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। इस क्रम में सेक्टर 50, सेक्टर 51, सेक्टर 76, अल्फा वन, डेल्टा वन, ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (ग्नीडा) ऑफिस के मेट्रो स्टेशंस के ग्राउंड फ्लोर पर रिक्त कमर्शियल स्थानों के कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इन सभी मेट्रो स्टेशंस के रिक्त कमर्शियल स्थानों को कियोस्क तथा कन्वीनिएंस स्टोर के तौर पर परिवर्तित कर उसे नागरिक सुविधाओं के दृष्टिगत विकसित करने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया है।
5 वर्ष की संचालन अवधि के लिए जारी होगा लाइसेंस
ये सभी रिक्त कमर्शियल स्थान संबंधित मेट्रो स्टेशंस के ग्राउंड फ्लोर पर स्टेयरकेस के पास स्थित हैं और अब इनके ही कायाकल्प की तैयारी की जा रही है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तथा कन्वीनिएंस स्टोर के निर्माण, संचालन और लाइसेंस निर्धारण प्रक्रिया को मूर्त रूप देने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से आवेदन मांगे हैं। कन्वीनिएंस स्टोर के लिए जारी होने वाले लाइसेंस 5 वर्ष की अवधि के होंगे (जिसमें एक वर्ष का लॉक पीरियड यानी अनिवार्य अवधि सम्मिलित है) तथा प्रदर्शन के आधार पर इसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा।
6 मेट्रो स्टेशंस में कुल मिलाकर 310 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र को कन्वीनिएंस स्टोर के रूप में परिवर्तित किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लाइसेंस एग्रीमेंट प्राप्त करने के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को रिक्त कमर्शियल स्थानों के डीटेल्ड प्लान, सेक्शनल व एलीवेशन प्लान, आर्किटेक्चरल फ्रंट एलिवेशन, स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट, क्वॉलिटी-स्ट्रक्चरल सेफ्टी व वर्क सेफ्टी तथा इलेक्ट्रिक पावर-सैनिटरी व वाटर सप्लाई जैसे विवरण उपलब्ध कराने होंगे।
आरएफपी माध्यम से जनशक्ति आबद्ध किए जाने के लिए मांगे गए हैं आवेदन
एनएमआरसी द्वारा आरएफपी फॉर्मैट के आधार पर टेक्निकल व नॉन टेक्निकल जनशक्ति को कॉन्ट्रैक्चुअल बेसिस पर आबद्ध किए जाने को लेकर आवेदन मांगे गए हैं। इस क्रम में जिस एजेंसी को जनशक्ति आबद्ध करने के लिए कार्य सौंपा जाएगा वह अनस्किल्ड, सेमी स्किल्ड, हाइली स्क्लिल्ड मैनपावर, क्लैरिकल एडमिन काडर, जूनियर इंजीनियर व मेनटेनर जैसी पदों पर भर्तियां करके मेट्रो स्टेशन संचालन की कार्यप्रणाली को और दक्ष व सुदृढ़ बनाने में मदद करेगी।
उल्लेखनीय है कि नोएडा का मेट्रो कॉरीडोर 29.7 किलोमीटर क्षेत्र में अवस्थित है, जिसे नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रेल कॉरीडोर के नाम से भी जाना जाता है। इसमें सेक्टर 51 से शुरू होकर कुल 21 मेट्रो स्टेशन आते हैं जो ग्रेटर नोएडा के डिपो स्टेशन के बीच आते हैं।