बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 5 खास सीटें बताएंगी सियासी हवा का रुख

शिवानी रजवारिया

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान की शुरुआत  कड़ी निगरानी और पुख़्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुधवार सुबह हो गई। 16 जिलों के 71 विधानसभा  क्षेत्रो के लिए लगभग 2 करोड़ 14 लाख मतदाता, 1,066 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो चूका है। इन सभी 71 सीटों में से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड 35 सीटों पर चुनाव लड़ रही है,वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 29 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। राष्ट्रीय जनता दल 42 सीटों पर मैदान में उतरी है जबकि उसके गठबंधन सहयोगी कांग्रेस में 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
बात करते है उन पांच सीटों की जो राज्य की राजनीति में विशेष महत्व रखती है।

गया: भाजपा ने बीते 30 सालों से अपने इस किले को कायम रखा है।कोई भी पार्टी इसको तोड़ नहीं पाई।बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने लगातार 6 बार इस सीट से जीत का परचम लहराया है।राज्य की राजनीति में उनके महत्व की बात करे तो हर बार एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्हें मंत्री मंडल में शामिल किया गया है।

दूसरी सीट है —— दिनारा
दिनारा में जदयू के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग मंत्री जय कुमार सिंह का घर है। जय कुमार अपने घर से 2 बार जीत हासिल कर चुके है और अब हैट्रिक लगाने की कोशिश में है। यहां से उनके सामने लोक जनशक्ति पार्टी एलजेपी के टिकट पर  भाजपा के बागी राजेन्द्र सिंह मैदान में उतरे है जो 2600 सीटों से पिछला चुनाव हार गए थे।सिंह भाजपा की बिहार इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके है।

तीसरी सीट कहलगांव की बात करे तो कहलगांव सीट से कांग्रेस 12 बार अपनी जीत दर्ज करने में सफल रही है।पार्टी के बिहार ईकाई के प्रमुख सदानंद सिंह को 1967 और 2015 के बीच 9 बार विजेता घोषित किया जा चुका है।उनकी लोप्रियता इतनी है कि सिंह यहां से 1977 का चुनाव भी जीते थे।

चौथी महत्वपूर्ण सीट है मोकामा।
मोकामा सीट से स्थानीय नेता और विधायक अनंत सिंह राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे है।साल 2005 से 2010 तक जदयू के उम्मीवार के रूप में सीट जीती। साल 2015 में जदयू से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय के रूप में जीत हासिल की।भूमिहार और यादवों के वर्चस्व वाली मोकामा विधानसभा सीट ने केवल स्थानीय मजबूत नेता को  विधायक चुना है। 90 के दशक में सिंह के भाई दिलीप जनता दल के टिकट पर यहां से विधायक बने। तब से सिंह चार बार इस सीट से जीत चुके हैं।

लखीसराय सीट पर कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर देखने को मिल सकती है। लगातार दो बार सीट जीतने के बाद श्रम संसाधन विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा यहां भाजपा के उम्मीदवार हैं। पिछले चुनाव में, यहां भाजपा के विजय कुमार सिन्हा और जद (यू) के रामानंद मंडल के बीच एक करीबी लड़ाई थी।
बिहार विधानसभा चुनाव का आज पहला चरण मतदान है अभी तीन चरण और बाकी है किसका पलड़ा किस तरफ भारी पड़ेगा यह तो मतदान के बाद ही परिणाम बताएंगे, फिलहाल, बिहार की राजनीति के गलियारों से आती राजनीति की हवाओं की लहर हिचकोले खा रही है।

 

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