एएडी ने दिल्ली सरकार से की फण्ड जारी करने की मांग

AADTA submits memorandum to Delhi Education Minister Atishi, demanding resolution of financial issues of DU funded collegesचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: एकेडेमिक फार एक्शन एंड डेवलपमेंट (एएडी) और यूटीएफ के विद्वत परिषद और कार्यकारणी समिति के सदस्यों ने दिल्ली राज्य के शिक्षा मंत्री से मांग की है कि दिल्ली सरकार 12 (100% वित्त पोषित) कॉलेजों का फंड बिना किसी देरी के जारी करे क्योंकि इन कॉलेजों के फैकल्टी और स्टाफ पिछले 3 महीने से बिना वेतन के हैं। स्थिति अब ऐसी हो गई है कि बिल का भुगतान न होने के कारण बिजली, टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं के कनेक्शन काटने के नोटिस मिल रहे हैं। कई मामलों में तो कुछ सेवाएं काट भी दी गई हैं। इस प्रकार के स्थिति से देशभर के छात्रों पर बुरा असर पड़ेगा।
एएडी के द्वारा भेजा गया मांग पत्र यहाँ दिया जा रहा हैः
“यह पत्र हमारे द्वारा दिनांक 14.07.2020 को दिए गए पत्र के क्रम में है।  हम आपको दुखी दिल के गहरे दर्द के साथ पुनः लिख रहे है कि दिल्ली सरकार के 12 (100%) वित्तपोषित कालेजों में हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन को अभी तक जारी नहीं किया गया है। डीयू के सदियों पुराने इतिहास में यह अभूतपूर्व स्थिति है, जहां पिछले तीन महीने से फैकल्टी और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।

इनमें से कई संविदा पर कार्यरत कर्मचारी हैं जो 15,000 रुपये की मामूली राशि पर काम कर रहे हैं। दिल्ली जैसे महानगर और उसमें भी महामारी की चुनौती से जूझते हुए समय में उनके लिए अस्तित्व को बचाना बहुत मुश्किल हो गया है। आपकी सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच इस गतिरोध की शुरुआत से ही हमने बार-बार कहा है कि फंडिंग को जीबी फॉर्मेशन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

हाल ही में कुछ अखबारों में ऐसी खबरें आई थीं कि इन कॉलेजों का फंड इसलिए जारी नहीं किया गया क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छह नाम रोके गए थे। लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन की मनमानी के चलते फैकल्टी और स्टाफ को परेशानी का शिकार क्यों होना चाहिए?  हमने हमेशा विश्वविद्यालय प्रशासन के सांविधिक उल्लंघनों का विरोध किया है और असहमति भी जताई है,  जिसे आपने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ अपने पत्राचार में उठाया भी है ।

महोदय, बात केवल वेतन की नहीं है, मेडिकल बिल का भुगतान भी नहीं हुआ है। कई कॉलेजों को बिजली काटने के नोटिस मिले हैं तो कुछ कॉलेजों में टेलीफोन लाइन और इंटरनेट कनेक्शन को काट भी दिया गया है क्योंकि उनके पास भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि कोविड महामारी के दौरान  शैक्षिक,  प्रवेश और परीक्षा कार्यों को  ऑनलाइन तरीके से करना पड़ रहा है, जो कि एक अंतरिम उपाय है। इन सेवाओं के कनेक्शन काटने से देशभर के छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

महोदय, हम आपसे पुनः माँगपूर्वक अनुरोध करते हैं कि जी.बी. गठन के साथ वित्तपोषण को कृपया न जोड़ा जाए और अविलम्ब इन कॉलेजों का पूरा फंड जारी किया जाए।“

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