कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, बीजेपी के चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से है संबंध

चिरौरी न्यूज़

नयी दिल्ली: चीन के साथ कांग्रेस पार्टी के संबंधों और राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग को लेकर अब तक बीजेपी आरोप लगाती आ रही थी, लेकिन आज कांग्रेस पार्टी की तरफ से पलटवार करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम-केयर्स) में चीनी कंपनियां दान दे रही है। उन्होंने पूछा कि जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण गतिरोध चल रहा है तो इस रकम को स्वीकार क्यों किया जा रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने बीते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ हुए 18 मुलाकातों पर भी सवाल उठाये।   सिंघवी ने पूछा कि उन्होंने चीन को अब तक क्यों “हमलावर” नहीं कहा। सिंघवी का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान यह कहने के कुछ घंटों के बाद आया कि लद्दाख में उसकी जमीन पर बुरी नजर रखने वालों को भारत ने उचित जवाब दिया है। सिंघवी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह कहें कि चीन हमलावर है.”

डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस में सिंघवी ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा, “सबसे ज्यादा चिंताजनक और सतर्क करने वाला तथ्य यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी कंपनियों से अपने (व्यक्तिगत नजर आने वाले) पीएम केयर्स कोष में दान की रकम प्राप्त की.”

उन्होंने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री चीनी कंपनियों से विवादास्पद और अपारदर्शी तरीके से सैकड़ों करोड़ रूपए का दान स्वीकार कर अपनी स्थिति से समझौता करेंगे तो वह चीनी आक्रामकता के खिलाफ देश की रक्षा कैसे करेंगे? प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देने की जरूरत है.”

सिंघवी यहीं तक नहीं रुके, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के 2007 से ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) से संबंध रहे हैं और राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और अमित शाह जैसे उसके अध्यक्षों का चीन के साथ अधिकतम संपर्क रहा है. उन्होंने दावा किया, “भारत के इतिहास में ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं है जिसके अध्यक्षों का बीते 13 सालों में चीन के साथ इतना संपर्क रहा है.”

उन्होंने कहा कि जनवरी 2007 और अक्टूबर 2008 में सिंह की सीपीसी से बात हुई, जनवरी 2011 में गडकरी पांच दिन के आधिकारिक दौरे पर चीन गए और शाह ने 2014 की शुरुआत में पार्टी विधायकों के एक प्रतिनिधिममंडल को चीन भेजा.

 

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