शैक्षिक संस्थानों को छात्रों को सक्षम नागरिक बनाने का प्रयास करना चाहिए: राष्ट्रपति कोविंद

चिरौरी न्यूज़

गांधीनगर: राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि शैक्षिक संस्थानों को छात्रों को आधुनिक विश्व समुदाय में सक्षम नागरिक बनाने का प्रयास करना चाहिए। वह आज (23 फरवरी, 2021) गांधीनगर में गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहतअपने देश को ‘ज्ञान को सुपर पावर’बनाने के उद्देश्य से भारतीय मूल्यों पर आधारित आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है। बदलती दुनिया में अपने कर्तव्यों के बारे में छात्रों में जागरूकता पैदा करना भी नई शिक्षा प्रणाली का एक प्रमुख उद्देश्य है। हमारे शिक्षण संस्थानों को छात्रों को आधुनिक विश्व समुदाय के योग्य नागरिक बनाने का प्रयास करना चाहिए। उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा सार्वजनिक हित और नैतिकता के महत्व पर विशेष जोर देने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केवल भारतीय मूल्यों पर विशेष बल देकर; हम अपने शैक्षिक संस्थानों और विदेशी शैक्षिक संस्थानों के बीच अंतर करने में सक्षम होंगे, जो पश्चिमी विचारों पर आधारित हैं।

छात्रों को संबोधित करते हुएराष्ट्रपति ने कहा कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना हमारी वैश्विक सोच के केंद्र में है। स्थानीय संसाधनों, अनुभवों और ज्ञान का उपयोग आत्मनिर्भरता के लिए किया जाना चाहिए। छात्र स्थानीय संसाधनों के उपयोग के साथ अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से स्थानीय विकास को सशक्त बनाकर अपनी शिक्षा को सही अर्थों में उपयोगी बना सकते हैं।राष्ट्रपति ने कहा कि हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि हमारी शिक्षा से व्यक्तिगत लाभ के अलावा हमारे समाज और देश के विकास को लाभ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास की यात्रा में अपेक्षाकृत पीछे रह गए लोगों के उत्थान के लिए प्रयास करने से वे एक बेहतर समाज के निर्माण में योगदान दे पाएंगे।

राष्ट्रपति ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों में से लगभग 55 प्रतिशत लड़कियां हैं। आज के दीक्षांत समारोह में 21 में से 13 पदक छात्राओं ने जीते हैं। उन्होंने कहा कि यह इस विश्वविद्यालय की एक बड़ी उपलब्धि है। यह हमारे समाज में बदलाव की झलक और नए भारत की तस्वीर दिखाती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि लगभग 30 राज्यों के छात्र गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 85 प्रतिशत छात्र अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। इस तरह विश्वविद्यालय परिसर एक मिनी इंडिया की तरह है और हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले अन्य राज्यों के छात्रों से गुजरात के लोगों से आत्मनिर्भरता, उद्यमिता और स्वरोजगार की संस्कृति को आत्मसात करने का आग्रह किया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *