पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन, सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: कुछ दिनों से बीमार चल रहे भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी का आज दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में निधन हो गया। भारत सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपती के सम्मान में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा। गृह मंत्रालय ने कहा कि राजकीय शोक के दौरान देश भर में सरकारी भवनों पर तिरंगा आधा झुका रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी  के निधन की खबर उनके पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी। अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया। आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं।’’

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर सारा देश शोकाकुल है।  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर यह कहते हुए शोक प्रकट किया कि देश ने एक राजनेता खो दिया। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू का हवाला देते हुए ने ट्वीट किया, ‘‘ उनके (मुखर्जी के) निधन से देश ने एक बुजुर्ग राजनेता को खो दिया है। वह सामान्य पृष्ठभूमि से ऊपर उठकर अपने कठिन परिश्रम, अनुशासन और समर्पण से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचे थे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के महत्वपूर्ण योगदार को देश याद रखेगा। उनका सम्मान हर एक वर्ग में था।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘‘ प्रणब दा पांच दशकों से अधिक समय तक सार्वजनिक जीवन, कांग्रेस पार्टी और केंद्र सरकार का अभिन्न हिस्सा रहे। उन्होंने हर पद पर आसीन होने के साथ उसे सुशोभित करने का काम किया और अपने साथियों के साथ उनकी वास्तव में घनिष्टता थी। उनका पिछले 50 वर्षों से अधिक का जीवन भारत के 50 वर्षों के इतिहास को प्रतिबिंबित करता है।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *