गौतम गंभीर ने ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग की

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में हर एक साल मनाया जाता है। लेकिन जिनके नाम पर पूरा भारत खेल दिवस मनाया जाता है उन्हीं को भारत सरकार अब तक खेल रत्न नहीं दे पायी है। कई सारे खिलाडियों और राजनीतिज्ञों ने समय समय पर ये मांग रखी है, लेकिन अब तक कोई भी सरकार इस पर अभी तक निर्णय नहीं ले पायी है।

आज खेल दिवस के मौके पर क्रिकेटर से पॉलिटिशियन बने सांसद गौतम गंभीर ने मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है। साथ ही गंभीर ने ध्यानचंद की प्रशंसा करते हुए कहा है कि इनसे बड़ा खिलाड़ी न तो पैदा हुआ है और न होगा। गौतम गंभीर ने कहा, “हिन्दुस्तान के इतिहास में मेजर ध्यानचंद से बड़ा खिलाड़ी न तो पैदा हुआ है और न होगा। वो देश के लिए इतने गोल्ड मेडल लाए और उस समय लाए जब खेल इतना पॉपुलर नहीं था। मैं चाहूंगा कि मेजर ध्यानचंद को जल्दी से जल्दी भारत रत्न मिले। इससे पूरे देश को बहुत खुशी होगी।”

ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है।  क्योंकि उनका प्रदर्शन अब तक किसी खिलाड़ी ने दोहरा नहीं पाया है।  मेजर धुआँचाँद जिन्हे प्यार से लोग दद्दा कहते हैं, साल 1928, 1932 और 1936 में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते और अपने करियर में 400 से अधिक गोल किए। भारत सरकार ने ध्यानचंद को 1956 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया। इसलिए उनके जन्मदिन यानी 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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