अयोध्या में मस्ज़िद बनने के लिए दिया रोहित ने दिया पहला दान

शिवानी रज़वारिया

हमारा देश भारतवर्ष विविधताओं से परिपूर्ण है। इन्हीं विविधताओं के चलते धर्म के नाम पर अक्सर यहां विवादास्पद परिस्थितियां बनी रहती हैं।सनातन धर्म और मुस्लिम धर्म के बीच का संघर्ष कई दशकों से चलता आ रहा है। पर इस सबके बीच ऐसी कुछ कहानियां इस संघर्ष में राहत का काम करती हैं और सौहार्द पैदा करती है।

अयोध्या और बाबरी मस्जिद विवाद के बाद अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना की नींव रख दी गई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अयोध्या में ही किसी अन्य जगह पर मस्जिद निर्माण होना है। इसके लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (Indo Islamic Cultural Foundation) को भी पहली आर्थिक मदद (Financial aid) प्राप्त हुई।

अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के लिए पहली आर्थिक मदद नवाबों के शहर लखनऊ से रोहित ने की है। लखनऊ हमेशा गंगा-जमुनी तहजीब को बरकरार रखने के लिए जाना जाता है। ऐसी ही एक मिसाल शनिवार देखने को मिली जब रोहित ने 21000 का दान मस्जिद बनने में दिया और वो अयोध्या के रौनाही में  मस्ज़िद निर्माण के लिए आर्थिक मदद करने वाले पहले शख्स बने।

मंदिर और मस्जिद दोनों को देश-विदेश से आर्थिक मदद मिल रही है, पर रोहित की यह मदद दोनों धर्मों के बीच एक संदेश देती है, जो इस दान को और भी ज्यादा खास बनाती है। शनिवार को मस्जिद निर्माण ट्रस्ट को 21 हज़ार दान में देने वाले रोहित श्रीवास्तव लखनऊ यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट से है। इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने रोहित श्रीवास्तव के 21 हज़ार के चेक को ट्रस्ट के खाते में जमा करवाया। अतहर हुसैन ने कहा की हिंदुस्तान हमेशा से ही अपनी गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए पहचाना जाता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत ट्रस्ट को अयोध्या के रौनाही में मिली 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद और अस्पताल के साथ कई भवनों के निर्माण होने हैं। इन भवनों के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नामक ट्रस्ट के गठन किया है। IICF ने अयोध्या में मिली 5 एकड़ जमीन पर निर्माण के लिए देश और दुनिया से दान जुटाने के लिए 2 बैंक अकाउंट खोले हैं और शनिवार को मस्जिद निर्माण ट्रस्ट को अपना पहला दान प्राप्त हुआ है।

इस प्रक्रिया के दौरान इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन और ट्रस्टी मोहम्मद राशीद मौजूद रहे। अतहर हुसैन ने खुशी का इज़हार करते हुए रोहित के इस कदम को गंगा जमुनी तहजीब का बेहतरीन उदहारण बताया। हिन्दू मुस्लिम समुदाय के बीच पूरे देश में एक ध्रुवीकरण प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती है, पर इन्हीं समुदायों के बीच से ही ऐसे साहसी कदम एक मिसाल बनते है जो इंसान को इंसान से जोड़ते हैं।

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