आख़िर धोनी ने किसकी भैंस खोल दी!

राजेंद्र सजवान

सुबह सुबह एक पहलवान जी का फ़ोन आया। गुस्से में तमतमा रहे थे।  सोचा कि कहीं मुझसे कोई भूल हो गई, हो सकता है उसके खिलाफ कुछ लिख दिया हो। लेकिन मुझे उसकी नाराज़गी के बारे में सुनकर हैरानी के साथ साथ हँसी भी आ गई। बोले,”भाई साहब या धोनी ने कायकी भैंस खोल दी के?” मैने जानना चाहा कि आख़िर बात क्या है और क्यों गुस्सा हो रहे हैं, तो बोले, ‘अख़बार में आप काम करो और मुझसे सफाई माँगो हो!”

‘धोनी के रिटायरमेंट की अफवाह पर साक्षी बिफरीं’, इस खबर को लेकर पहलवान जी का पारा चढ़ा हुआ था। बोले, ‘भाई धोनी क्या आप पत्रकारों का गुलाम है। उसकी और उसके परिवार की कोई पसंद नापसंद नहीं? उसने देश को कितनी बार वर्ल्ड कप दिलाया, टेस्ट सीरीज़ जीते और हर फारमेट में सफलतम कप्तान और विकेट कीपर रहा, फिर भी उसे जीने नहीं दे रहे।’ सवालिया अंदाज में बोले, ‘क्या कोई उसके जैसा हैलीकाप्टर शॉट मार सके है?’

मैं समझ गया कि श्रीमान पहलवान होते हुए भी महेंद्र सिंह धोनी के बड़े फ़ैन हैं और क्रिकेट की बारीक़ियाँ भी जानते हैं। खैर, उन्हें शांत करने के बाद जब खबर पढ़ी तो उन लोगों पर गुस्सा आया जो बार बार अपने सफलतम कप्तान और नेक खिलाड़ी पर कटाक्ष करने पर तुले हैं और उनके परिवार को भी पीड़ा पहुँचा रहे हैं। कुछ लोग तो इस तरह के हैं जिन्होने मेरी तरह शायद क्रिकेट भी नहीं खेली पर क्रिकेट पर बड़ी बड़ी हांकने और पंडिताई झाड़ने से बाज नहीं आते। कुछ माह पहले उतराखंड के कुछ क्रिकेट खिलाड़ियों और पत्रकारों ने भी नाराज़गी जतलाई थी। देहरादून में एक स्थानीय  क्रिकेट टूर्नामेंट के चलते उन्होने दिल्ली और महानगरों के मीडिया को कोसते हुए कहा कि उन्हें अपने धोनी भाई के खिलाफ कुछ भी ग़लत बर्दाश्त नहीं है। हालाँकि धोनी परिवार वर्षों पहले अल्मोड़ा से झारखंड जा बसा था लेकिन वे आज भी धोनी को अपना मानते हैं।

जहाँ तक साक्षी धोनी की नाराज़गी की बात है तो वह भी अपनी जगह ठीक हैं। आख़िर ट्विटर, सोशल मीडिया अख़बारों और चैनलों पर क्यों बार बार धोनी को निशाना बनाया जा रहा है? पूरी दुनिया अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, देश में हालात बेहद खराब हैं और क्रिकेट के लिए अनिश्चितता का माहौल है। ऊपर से धोनी के रिटायरमेंट को लेकर कुछ लोग बेवजह हौवा खड़ा कर रहे हैं। बेशक, साक्षी ने तमाम आलोचकों की बोलती बंद कर दी। उसने जवाब दिया,’ यह सब सिर्फ़ अफवाह और बकवास है। मैं समझ सकती हूँ कि लॉकडाउन ने लोगों को मानसिक तौर पर अस्थिर कर दिया है। ट्वीट करने वालों जाओ अपना काम करो’।

हैरानी वाली बात यह है कि साल भर पहले हर कोई महेंद्र सिंह धोनी का दीवाना था। बोर्ड, चयनकर्ता, साथी खिलाड़ी, पूर्व खिलाड़ी, आम क्रिकेट प्रेमी सभी उसके मुरीद थे। लेकिन न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप मुकाबला हारने के बाद उसे खलनायक बना दिया गया। शर्मनाक बात यह है कि जिन खिलाड़ियों को धोनी ने सजाया सँवारा, टीम में जगह दिलाई उनमें से कुछ अहसान फरामोश भी उसको खेलते नहीं देखना चाहते। यह ना भूलें कि कपिल देव, सौरभ गांगुली, सचिन जैसे खिलाड़ियों पर भी उंगलियाँ उठीं और वे अपनी क़ाबलियत से कहीं लंबे समय तक खेलते रहे। अब धोनी आईपीएल या वर्ल्ड कप खेलते रहना चाहते हैं तो क्या गुनाह कर रहे हैं? उसे अपनी योग्यता और क्षमता साबित करने का मौका तो मिलना चाहिए!

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार और विश्लेषक हैं। ये उनका निजी विचार हैचिरौरी न्यूज का इससे सहमत होना आवश्यक नहीं है।आप राजेंद्र सजवान जी के लेखों को  www.sajwansports.com पर  पढ़ सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *