हर्षवर्धन ने क्यों दी दिल्लीवासियों को चेतावनी ?

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा हर्षवर्धन ने दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा है कि एम्स सहित अन्य केन्द्रीय संस्थानों तथा संबद्ध अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। डा हर्षवर्धन ने मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और दिल्ली सरकार एवं स्थानीय निकायों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय राजधानी की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

डा हर्षवर्धन ने कोरोना संक्रमण के आंकड़ों के आधार पर कहा कि दिल्ली में स्वास्थ्य एवं चिकित्साकर्मियों के संक्रमित होने की दर 4.11 प्रतिशत है और यह अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब तक 33 डाक्टर 26 नर्स और 24 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब तक 98 हॉटस्पॉट क्षेत्र घोषित होने के बाद राजधानी का नक्शा पूरी तरह से रेड जोन में तब्दील होना सभी के लिये चिंता की बात है। समस्या के संभावित कारणों का जिक्र करते हुये स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संक्रमण पाये जाने वाले इलाकों में कम क्षेत्रफल को सील किया जा रहा है, रेड स्पॉट घोषित जिलों का पड़ोसी जिलों से संपर्क बरकरार रहना और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में लॉकडाउन का ठीक से पालन नहीं होने के कारण स्थिति नियंत्रण में नहीं आ पा रही है। उन्होंने हालांकि इसमें तबलीगी जमात की घटना को भी प्रमुख वजह बताते हुये कहा कि इस घटना के बाद अब तक हालात को काबू किया जाना चाहिये था। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुये स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने शीर्ष अधिकारियों को दिल्ली की स्थिति पर विशेष ध्यान देने और दिल्ली स्थित एम्स को इस दिशा में दिल्ली प्रशासन को अपनी विशेषज्ञता का लाभ पहुंचाने को कहा गया है।

डा हर्षवर्धन ने बैजल से भी केन्द्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर तलमेल कायम करने में उनके लंबे प्रशासकीय अनुभव से मदद करने का अनुरोध किया। बैठक में एक अधिकारी ने दिल्ली में संक्रमण की स्थिति को प्रस्तुत करते हुये बताया कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण मरीजों की मृत्यु दर अन्य राज्यों से काफी कम 1.7 प्रतिशत जरूर है लेकिन संक्रमित मरीजों की संख्या 3,108 हो गयी है। इनमें 1084 मरीजों का संबंध तबलीगी जमात की घटना से है। उन्होंने बताया कि सिर्फ पश्चिमी दिल्ली को छोड़ दें तो लगभग सभी इलाके रेड जोन या ऑरेंज जोन में शामिल हैं। इनमें मध्य क्षेत्र, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली में कोरोना संक्रमण का असर सर्वाधिक है।

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