आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के लिए रक्षा और कोयला क्षेत्र को मिला बूस्टर डोज

BJP announces names of 16 candidates including Nirmala Sitharaman for Rajya Sabha electionsन्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकज की घोषणा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक पैकेज के चौथे किस्त की शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा विनिर्माण यानी डिफेंस प्रोडक्शन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा और कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा जिस से रोजगार सृजन हो सके।

वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा निर्माण क्षेत्र में 74 फीसदी विदेशी निवेश (FDI) को मंज़ूरी दी जाएगी। अभी ये 49 फीसदी है। उन्होंने कहा कि ये निवेश आधारभूत ढांचा के क्षेत्र में सुधार को लेकर है। निवेश बढ़ने का मकसद हथियारों को लेकर विदेशी निर्भरता कम करनी है। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन में जिन हथियारों के आयात पर धीरे धीरे प्रतिबंध लगाया जाएगा उन हथियारों की एक सूची जारी की जाएगी तथा कुछ हथियारों का आयात कम होगा।

कोयला क्षेत्र में सरकार की आधिपत्य कम करने के लिए निजी कंपनियों को मौका मिलेगा। निजी क्षेत्र भी कोयला खदान की नीलामी में शामिल हो सकेगा और उसे ख़रीदकर खुले बाजार में बेच सकेगा। उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन के लिए प्रतिटन शुल्क टन की व्यवस्था के बजाय राजस्व-भागीदारी व्यवस्था पेश की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि परमाणु ऊर्जा से जुड़े सुधार में रिसर्च रिएक्टर की स्थापना पीपीपी मॉडल में होगी। इससे मानवता की सेवा को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल में एकीकृत खाद्य संरक्षण केंद्र स्थापना होगी। इससे रेडिएशन तकनीक द्वारा प्याज जैसी खाद्य वस्तुओं की सेल्फ लाइफ बढ़ाने में मदद मिलेगी और किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे स्टार्टअप्स के लिए भी एक नया क्षेत्र मिलेगा।

सीतारमण ने कहा कि विमानन क्षेत्र के लिए तीन फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि पीपीई मॉडल से छह एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे। छह और एयरपोर्ट में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिए नीलामी की जाएगी। 12 एयरपोर्ट्स में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि मात्र 60 फीसद भारतीय एयर स्पेस सिविल एविएशन के लिए है। इस स्पेस का ठीक उपयोग हो, फ्यूल बचे, कम से कम समय में यात्रा स्थान तक पहुंचें, इसके लिए  काम होगा। इससे विमानन क्षेत्र को 1000 करोड़ का फायदा होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *