लाखों किसानों ने भारत को ‘विश्व की डेरी’ बनाने का लिया संकल्प

Lakhs of farmers took a pledge to make India the 'Dairy of the World'चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: ‘विश्व दुग्ध दिवस’ पर आज लाखों डेरी किसानों ने भारत को ‘विश्व की डेरी’ बनाने का संकल्प लेते हुए कहा कि ग्रामीण भारत से गरीबी उन्मूलन और सामाजिक-आर्थिक बदलाव भारत को वैश्विक डेरी क्षेत्र में अग्रणी बनाकर ही संभव हो सकता है।

इस अवसर पर 22 दुग्ध उत्पादक कंपनियों (सहकारिता के समान सिद्धांतों पर परिचालित किसान उत्पादक संगठन) ने हाथ से हाथ मिलाकर ‘विश्व उत्पादन में भारत का हिस्सा बढ़ाकर भारत को विश्व की डेरी बनाने’, ‘देश के दूर-दराज के क्षेत्रों से भी दूध इकट्ठा कर उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण दूध और दुग्ध उत्पाद उपलब्ध कराने, ‘दुग्ध संचय की निष्पक्ष एवं पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से किसान सदस्यों को प्रतिस्पर्द्धी मूल्य उनके बैंक खाते में देने’ और ‘नस्ल उन्नतिकरण और बेहतर पशु प्रबंधन से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने’ के संकल्प लिये।

दुग्ध उत्पादन में शीर्ष वैश्विक स्थान प्राप्ति के भारत के प्रयासों को संचालित कर रहे राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और इसकी सहायक एनडीडीबी डेरी सर्विसेज (एनडीएस) के अध्यक्ष श्री मीनेश शाह ने इस अवसर पर कहा, “कुछ महीनों पहले ही वैश्विक डेरी समाज ने विश्व डेरी सम्मेलन 2022 के मंच से ग्रामीण भारत और डेरी किसानों की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री ने भारत को विश्व की डेरी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हम दुग्ध उत्पादकों के इस गर्वित समुदाय का हिस्सा हैं और प्रधानमंत्री के इस सपने को साकार करने की दिशा में भारत में दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कई पहलों पर प्रयत्नशील हैं।’

सुदूर तिरुपति से गुजरात के समुद्री तटों तक और उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार के दूर दराज के ग्रामीण इलाकों के दूध उत्पादक किसानों ने रंगारंग कार्यक्रमों के दौरान संकल्प लिया और आने वाले दशकों में दुग्ध उत्पादन में 33 प्रतिशत अंश के साथ देश को विश्व में अग्रणी बनाने का गौरवपूर्ण लक्ष्य निर्धारित करने के लिए सरकार की सराहना की।

उल्लेखनीय है कि भारत के ‘विश्व की डेरी’ बनने के समग्र प्रयासों में महिला सशक्तिकरण अन्तर्निहित है, क्योंकि एनडीएस समर्थित 22 दुग्ध उत्पादक कम्पनियों (एमपीसी) में से 15 में केवल महिला सदस्य और उनके बोर्ड में सभी उत्पादक निदेशक महिलाएं ही हैं। देश के 9 राज्यों और 130 जिलों में फैली हुई इन एमपीसी के 8.7 लाख सदस्य हैं, जिनमें से 71% महिलाएं हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *