प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र का काला अध्याय, ‘कांग्रेस ने लोकतंत्र को किया गिरफ़्तार’

Prime Minister Narendra Modi called the Emergency a dark chapter of democracy, 'Congress arrested democracy'चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक “सबसे काला अध्याय” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ़ भारतीय संविधान की भावना का अपमान था, बल्कि लोकतंत्र को गिरफ़्तार करने जैसा था।

प्रधानमंत्री ने बुधवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर कई पोस्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है, ताकि युवा पीढ़ी को 1975 में हुए लोकतंत्र के उस दमनकारी दौर की सच्चाई से अवगत कराया जा सके।

उन्होंने लिखा, “इस दिन भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया था। मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को कुचल दिया गया और सैकड़ों राजनेताओं, समाजसेवियों, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। यह ऐसा था मानो कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को गिरफ़्तार कर लिया हो।”

आपातकाल 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू किया गया था, जो मार्च 1977 तक चला। इस दौरान विपक्षी नेताओं पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई और मीडिया पर कठोर सेंसरशिप लगाई गई। यह निर्णय उस समय आया जब देशभर में कांग्रेस सरकार के खिलाफ व्यापक जनविरोध और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा इंदिरा गांधी का रायबरेली से चुनाव रद्द किए जाने का आदेश आया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उस समय न्यायपालिका पर भी नियंत्रण की कोशिशें की गईं, और इसके उदाहरण के रूप में 42वें संविधान संशोधन का उल्लेख किया। इस संशोधन के जरिए केंद्र सरकार को अत्यधिक शक्तियाँ दी गईं और न्यायिक निगरानी को सीमित किया गया।

उन्होंने लिखा, “कोई भी भारतीय यह नहीं भूल सकता कि किस प्रकार संविधान की आत्मा को कुचला गया, संसद की आवाज़ को दबाया गया और न्यायपालिका को नियंत्रित करने का प्रयास हुआ। 42वां संशोधन उनके मनमानेपन का प्रतीक है। इस दौरान गरीबों, वंचितों और समाज के हाशिये पर खड़े लोगों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया।”

प्रधानमंत्री ने उन लोगों को भी नमन किया जिन्होंने आपातकाल का विरोध करते हुए लोकतंत्र की रक्षा की। उन्होंने कहा कि इसी जनसंघर्ष के चलते कांग्रेस सरकार को 1977 में आम चुनाव कराने पर मजबूर होना पड़ा, जिसमें उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा, विशेषकर उत्तर भारत के राज्यों में।

मोदी ने अंत में कहा, “आज हम एक बार फिर अपने संविधान में निहित सिद्धांतों को मज़बूत करने के संकल्प को दोहराते हैं और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए एकजुट होकर कार्य करते रहेंगे।”

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