प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्राज़ील आगमन पर भारतीय प्रवासियों ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम से किया स्वागत
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चार दिवसीय ब्राज़ील दौरे पर आगमन के अवसर पर भारतीय प्रवासी समुदाय ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान भारतीय सशस्त्र बलों को समर्पित एक विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई, जिसका विषय था ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ — पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ भारत की एक साहसी सैन्य कार्रवाई।
भारतीय समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में चित्रकला और अर्ध-शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन के माध्यम से ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की वीरगाथा को प्रस्तुत किया। इस भावनात्मक और देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम को देखकर प्रधानमंत्री मोदी ने कलाकारों से मुलाकात की और उनके प्रयासों की सराहना की।
एक भारतीय महिला कलाकार ने भावुक होकर कहा, “मोदी जी हमारे लिए बड़े भाई जैसे हैं। उनका यहां आना हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने हमारी प्रस्तुति बहुत ध्यान से देखी और हमें खूब सराहा। हमने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को इसलिए चुना ताकि अपने वीर जवानों और भारत माता को सम्मान दे सकें।”
प्रधानमंत्री मोदी रियो डी जनेरियो में 6-7 जुलाई को आयोजित 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे हैं। इसके बाद वे ब्राज़ील की राजधानी ब्रासीलिया की ऐतिहासिक द्विपक्षीय यात्रा पर जाएंगे — जो लगभग 60 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर न केवल भारतीय समुदाय बल्कि ब्राज़ील के स्थानीय लोग भी बेहद उत्साहित नजर आए। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “मोदी जी का यहां आना हमारे लिए गौरव की बात है। ऐसा लग रहा है जैसे कोई सपना सच हो गया हो।”
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा से मुलाकात करेंगे और सम्मेलन के इतर कई वैश्विक नेताओं के साथ भी वार्ता करेंगे।
यह ब्राज़ील दौरा प्रधानमंत्री मोदी की पाँच-देशों की यात्रा का चौथा चरण है। इससे पहले वे अर्जेंटीना पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने राष्ट्रपति जेवियर मिलेई से मुलाकात की और विशेष सम्मान प्राप्त किया। इसके पहले वे त्रिनिदाद एंड टोबैगो में थे, जहाँ उन्होंने संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया और “ग्लोबल साउथ फर्स्ट” नीति पर बल दिया।
सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने घाना का दौरा किया था, जहाँ उन्हें घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान — “ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” — से नवाज़ा गया और द्विपक्षीय सहयोग को लेकर कई अहम समझौते हुए।