कितना उचित है महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच आईपीएल का आयोजन

अजय नैथानी

पैसा खुदा नहीं है, तो खुदा से कम भी नहीं है…ये पंक्ति सबसे महंगी क्रिकेट प्रतियोगिता इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर एकदम फिट बैठती है, जो कि इन दिनों भारत के कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चपेट में आने के बावजूद जारी है। धन और ग्लैमर की चकाचौंध के कारण देश-विदेश के छोटे-बड़े क्रिकेटर इसमें खेलने को आतुर हैं, वो भी तब जब इनमें से कई खिलाड़ी और कोच महामारी की चपेट में चुके हैं।

लेकिन यह मनी पॉवर ही है कि भारतीय और विदेशी खिलाड़ी नौ अप्रैल से 30 मई तक चलने वाले आईपीएल 2021 में खेल रहे हैं। लिहाजा सवाल उठता है कि क्या भारत में आपातकाल जैसे हालात में आईपीएल के 14वें संस्करण के आयोजन को जारी रखा जाना चाहिए।

हावी होता आर्थिक पहलू

एक समय था खेल, जब मुख्य तौर पर मनोरंजन का साधन हुआ करते थे लेकिन अब पैसा बोलता है। आर्थिक पहलू इतना ज्यादा हावी हो गया है कि आईपीएल का हर स्टेकहोल्डर इसके आयोजन से पैसा बनाना चाहता है। बीसीसीआई, आईपीएल गवर्निंग बॉडी, फ्रेंचाइजियों के मालिक और क्रिकेटर महामारी को नजरअंदाज कर रहे हैं और यहां तक कि जान का जोखिम ले रहे हैं।

क्योंकि सबको मालूम है कि इस टूर्नामेंट के आयोजन से मोटी कमाई होने वाली है। इसके लिए आईपीएल आयोजकों ने पिछली बार की तरह तैयारियां जबर्दस्त की हुई है और टेस्टिंग, बायो-बबल बनाने समेत तमाम तैयारियों में जमकर पैसा खर्च किया। लेकिन इसके बावजूद कोरोना का वायरस की घुसपैठ हो रही है और आगे भी ऐसी आशंका बनी रहेगी क्योंकि खिलाड़ियों को मैच खेलने के लिए एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा करनी पड़ी रही है।

खिलाड़ियों के बीच लीग खेलने का मोह

कोविड के कारण आईपीएल की ब्रांड वैल्यू 2019 (47,500 करोड़ रुपये) की तुलना में 2020 (45,800 करोड़ रुपये) में गिरी। लेकिन छह साल में पहली बार गिरावट के बावजूद इस लीग का आकर्षण बरकरार है। ऐसा अकसर देखा गया है कि ज्यादातर क्रिकेटर आईपीएल में खेलने का मोह नहीं छोड़ पाते हैं, क्योंकि इस टूर्नामेंट से उनकी जबर्दस्त कमाई होती है।

इसीलिए दुनिया के तमाम देशों के छोटे-बड़े क्रिकेटर इसमें खेलने के लिए उतावले रहते हैं। कई क्रिकेटरों ने अपने देश की टीम पर लीग खेलने को तरजीह दी है। इनमें क्रिस गेल, आंद्रे रसेल ( दोनों वेस्ट इंडीज), बेन स्टोक्स (इंग्लैंड,) मोम्मद नबी और राशिद खान (दोनों अफगानिस्तान), शाकिब अल हसन (बांग्लादेश) प्रमुख नाम हैं। शेन वॉटसन (ऑस्ट्रेलिया) और एबी डीविलियर्स (साउथ अफ्रीका) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद काफी समय तक आईपीएल खेलते रहे। एबी अभी भी वर्तमान में खेल रहे हैं जबकि वाटसन ने पिछले सत्र में खेला था।

खिलाड़ी लगातार हो रहे हैं सक्रमित

आईपीएल के 14वें संस्करण से ठीक पहले और इस दौरान अब तक अक्षर पटेल, देवीदत्त पड़ीक्कल, डेनियल सैम्स, और नीतिश राणा जैसे खिलाड़ियों के कोविड से संक्रमित होने की खबर आ चुकी है और क्वारंटाइन में रहने के कारण ये सभी अपने शुरुआती मैचों से बाहर रहे हैं।

मुंबई इंडियंस के टैलेंट स्काउट और पूर्व भारतीय क्रिकेटर किरण मोरे भी इस बीमारी की चपेट में आए थे। पांच बार की चैंपियन टीम मुंबई इंडियन्स के विकेटकीपिंग सलाहकार की भी भूमिका निभाने वाले 58 साल के मोरे 16 अप्रैल को इस घातक वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए थे।

चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के माता-पिता देविका देवी और पान सिंह को कोरोना पॉजिटीव होने की खबर हैं, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान आईपीएल प्रतिबद्धताओं के कारण अपने घर रांची नहीं जा सकता है।

कोविड के कारण पिछला सीजन यूएई में खेला गया था

आईपीएल का पिछला संस्करण भारत की जगह यूएई में आयोजित करवाया गया था, क्योंकि उस समय भी भारत में कोविड की पहली लहर अपने उठान पर थी। 19 सितंबर से 10 नवंबर 2020 तक खेला गया टूर्नामेंट में बायो-सिक्योर बबल में हुआ था। तब भी इसी तरह टूर्नामेंट शुरू होने से चंद दिन पहले चेन्नई सुपरकिंग्स के ऋतुराज गायकवाड़, दीपक चाहर समेत 11 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। हालांकि, इसके बाद पूरा टूर्नामेंट कोरोना मुक्त ही रहा। बाद में जानकारी सामने आई कि ढाई माह में करीब 30 से 40 हजार टेस्ट कराए गए, ताकि सभी सुरक्षित रह सकें।

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं.)

 

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