PM मोदी का BRICS शिखर सम्मेलन में बड़ा बयान: “कोई भी देश खनिज, तकनीक या सप्लाई चेन को हथियार न बनाए”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि कोई भी देश महत्वपूर्ण खनिजों, तकनीक या आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) का उपयोग अपने स्वार्थों को साधने के लिए एक हथियार की तरह नहीं करे। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन संसाधनों का इस्तेमाल वैश्विक हितों के लिए होना चाहिए, न कि किसी एक देश के दबदबे के लिए।
मोदी ने कहा, “महत्वपूर्ण खनिजों और तकनीक में अधिक सहयोग के साथ-साथ, उनकी आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित और लचीला बनाना भी ज़रूरी है। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई देश इन संसाधनों का उपयोग केवल अपने हित के लिए या हथियार के रूप में न करे।”
हालांकि पीएम मोदी ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन यह बयान चीन के हालिया कदमों पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी माना जा रहा है — जैसे कि भारत को विशेष उर्वरकों का निर्यात रोकना और अन्य देशों के लिए रेयर अर्थ मटेरियल्स के निर्यात पर पाबंदी लगाना।
“New Development Bank” के वित्तपोषण पर भी उठाए सवाल
चीन की एक और विवादास्पद नीति पर भी पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि BRICS के न्यू डेवलपमेंट बैंक को परियोजनाओं की मंज़ूरी के दौरान दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता, मांग-आधारित निर्णय और मजबूत क्रेडिट रेटिंग पर ध्यान देना चाहिए।
यह बयान चीन की उन रणनीतियों की आलोचना के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें वह विकासशील देशों को ऐसे कर्ज़ देता है जो उनकी प्राथमिकताओं से मेल नहीं खाते, और बाद में उन्हीं परियोजनाओं पर नियंत्रण स्थापित करता है।
बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की मांग
पीएम मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि अगर BRICS वास्तव में बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की बात करता है, तो पहले उसे अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाना होगा।
उन्होंने कहा, “ग्लोबल साउथ को BRICS से कई उम्मीदें हैं, और इन्हें पूरा करने के लिए BRICS को उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। भारत सभी साझेदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”