राजौरी आतंकी हमला के बाद सीआरपीएफ जम्मू में नागरिकों को देगा हथियार चलाने का प्रशिक्षण
चिरौरी न्यूज़
जम्मू: किसी भी हमले की स्थिति में आतंकवादियों से निपटने के लिए सीआरपीएफ जम्मू-कश्मीर के राजौरी में विलेज डिफेंस गार्ड्स (वीडीजी) को हथियारों का प्रशिक्षण दे रहा है।
सीआरपीएफ इंस्पेक्टर वरिंदर कुमार ने बताया, “हाल के हमलों के मद्देनजर हमें यहां तैनात किया गया है। उनके पास हथियार हैं और हम उन्हें आपातकालीन स्थितियों में कार्य करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।”
केंद्र ने 1 जनवरी और 2 जनवरी को राजौरी के डांगरी इलाके में दोहरे आतंकवादी हमलों के बाद जम्मू क्षेत्र में ग्राम रक्षा समितियों (वीडीसी) को हथियारों का प्रशिक्षण देने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की प्रतिनियुक्ति की है। लक्षित आतंकी हमले में सात नागरिक सहित दो बच्चों की मौत हो गई थी।
वीडीसी लगभग तीन दशकों के बाद वापसी कर रहे हैं। वे पहली बार 1995 में जम्मू क्षेत्र के दस जिलों में गठित किए गए थे, जब आतंकवादियों द्वारा हिंदू समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाकर मार दिया गया था। अपहरण और बलात्कार सहित अपराधों के आरोपों के बीच समूह को बाद में भंग कर दिया गया था।
मार्च 2022 में, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने वीडीजी को फिर से स्थापित करने का फैसला किया और इसे ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) के रूप में फिर से नामित किया। चूंकि तब यह कार्यक्रम शुरू नहीं हो सका था,लेकिन अब मंत्रालय ने राजौरी हत्याकांड के बाद इसे सख्ती से लागू करने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय द्वारा निर्णय लिया गया कि अर्धसैनिक बल नागरिकों को प्रशिक्षित करेगा।
सीआरपीएफ का यह फैसला हाल ही में राजौरी में एक मुठभेड़ में सात नागरिकों के मारे जाने के कुछ दिनों बाद आया है। 1 जनवरी को गांव में हुए हमलों में छह लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। अगली सुबह गांव में एक शक्तिशाली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में दो चचेरे भाइयों की मौत हो गई और नौ अन्य लोग घायल हो गए। भागने से पहले आतंकियों ने आईईडी प्लांट किया था।