आजादी का अमृत महोत्सव: स्वच्छता ही सेवा का हुआ उद्घाटन

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस), 2021 का उद्घाटन समारोह 15 सितंबर 2021 को गुवाहाटी के एनईडीएफआई कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के एक हिस्से के रूप में आयोजित किया गया, जिसे भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सरकार द्वारा देशभर में मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में श्री रणजीत कुमार दास, मंत्री पीएचई और पी एंड आरडी विभाग, असम सरकार; श्री सईदीन अब्बासी, आईएएस, अतिरिक्त सीएस, पीएचईडी, असम सरकार; श्री हिरण्य बोरा, आईएसएस, उपमहानिदेशक, डीडब्लूएसएस, भारत सरकार; श्री आकाश दीप, आईएएस, आयुक्त और सचिव पीएचईडी एवं एमडी एसबीएम-जी असम सरकार मौजूद रहे।

पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय ने पूरे देश में 15 सितंबर 2021 से 2 अक्टूबर 2021 तक एसएचएस 2021 आयोजित करने का फैसला किया है और इसके तहत विभिन्न गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं। इसी तरह, असम में भी एसएचएस 2021 की शुरुआत के बाद ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह रथ यात्रा’, ‘श्रमदान’, ‘स्वच्छता जागृति यात्रा (रैली)’, ‘स्वच्छता चैंपियंस को पुरस्कार और सम्मान’, ‘ग्राम पंचायतों के साथ संवाद’ आदि जैसी गतिविधियों की श्रृंखला शुरू हो गई है। ये कार्यक्रम 2 अक्टूबर 2021 को स्वच्छ भारत दिवस समारोह के साथ संपन्न होंगे।

कार्यक्रम की शुरुआत श्री आकाश दीप, एमडी, एसबीएम-जी, असम के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव, एसएचएस, स्वच्छ सर्वेक्षण और स्वच्छ भारत दिवस के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री हिरण्य बोरा, आईएसएस, उपमहानिदेशक, डीडब्लूएसएस, भारत सरकार, ने कहा, ‘किसी भी मिशन की सफलता उसे बनाए रखने और आखिर में वांछित उद्देश्यों को हासिल करने पर निर्भर करती है। स्वच्छ भारत मिशन ऐसा करने में सफल रहा है। जैसे ही लोग स्वच्छता और स्वस्थ रहने के तरीके (हाइजीन) के महत्व के बारे में जागरूक होने लगे, मिशन एक जन आंदोलन में बदल गया। मैं स्वच्छ सर्वेक्षण (ग्रामीण) को लेकर आशान्वित हूं क्योंकि अच्छे काम किए गए हैं और हम राज्यों की रैंकिंग में आगे के पायदान पर बढ़ने में सक्षम होंगे। मैं असम के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे सर्वेक्षण में भाग लें और ईमानदारी से अपनी प्रतिक्रिया दें और राज्य का समर्थन करने में सहयोग करें।’

स्वच्छ भारत मिशन की एक पहल के रूप में, ‘स्वच्छता ही सेवा’ का मकसद हर किसी के लिए स्वच्छता की अवधारणा को मजबूत करने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा जनभागीदारी है। इस साल एसएचएस का उद्देश्य लोगों को स्वच्छ पर्यावरण के महत्व को समझने के लिए प्रोत्साहित करना और ठोस व तरल कचरे के व्यवस्थित प्रबंधन के अभ्यास को शामिल करना है। इसके लिए मिशन के प्रत्येक हितधारक राज्य से लेकर जिले, ग्राम पंचायत, गांवों, समुदाय से लेकर व्यक्तिगत स्तर पर सबकी भागीदारी की आवश्यकता होगी और हर गांव को ओडीएफ प्लस बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) असम के विकास और पहलों का जिक्र करते हुए श्री रणजीत कुमार दास, पीएचई, असम सरकार, ने कहा, ‘स्वच्छ भारत मिशन साफ-सफाई, स्वस्थ रहने के तरीके और सुरक्षित पानी के जरिए लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाकर समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहा है जिससे आर्थिक उत्थान के साथ बेहतर स्वास्थ्य मिल सके। असम के गांवों में, स्वच्छता ही सेवा यहां की संस्कृति और रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा रही है। लेकिन शहरीकरण के चलते यह प्रथा अब फीकी पड़ती दिखाई दे रही थी। स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत के साथ ही स्वच्छता और हाइजीन की लहर एक बार फिर वापस आ गई है और यह जन आंदोलन में तब्दील हो गई है। ओडीएफ प्लस पर व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए हमने स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत कई गतिविधियों की योजना बनाई है। मैं सभी से आगे आकर इसका समर्थन करने की अपील करता हूं।’

इसके बाद ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह रथ यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो असम के सभी जिलों में जाएगी। इसका मकसद ओडीएफ स्थिरता के साथ ही ठोस और तरल कचरे के उचित पृथक्करण, संग्रह और निपटान के बारे में जागरूकता पैदा करना है। डीडब्लूएससी कामरूप (मेट्रो) द्वारा टाटीमारा में उद्घाटन समारोह के हिस्से के रूप में एक श्रमदान गतिविधि भी आयोजित की गई थी। इस गतिविधि के तहत कचरे को इकट्ठा करना, परिवहन और पास के इलाके में ग्रे वाटर प्रबंधन के लिए सोक पिट की नींव शामिल है।

 

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