राष्ट्रपति ने नर्सों की नि:स्वार्थ निष्ठा एवं करुणा के लिए सराहना की

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार की उपस्थिति में एक वर्चुअल समारोह के तहत 51 पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया।

राष्ट्रपति ने सभी स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और नर्सों को बधाई देते हुए सेवा और जरूरतमंदों की मदद करने की प्राचीन भारतीय परंपराओं का उल्लेख किया जो हमारी नर्सों की सेवा में परिलक्षित होती हैं। राष्ट्रपति ने कोविड-19 के खिलाफ जबरदस्‍त लड़ाई में नर्सों के नि:स्वार्थ योगदान के साथ-साथ राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को गति देने में उनकी कड़ी मेहनत का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि हमारी नर्सों की अनुकरणीय निष्ठा के कारण प्रति दिन एक करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण संभव हो पाया है। उन्होंने कहा, ‘आपकी कड़ी मेहनत उम्मीद की किरण है और वह लोगों को अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाती है।’ उन्‍होंने इस वैश्विक महामारी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘देश आपकी सेवा का ऋणी रहेगा।’

राष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मिडवाइफरी सेवा और बीमा योजना जैसी सरकार की विभिन्न पहलों को रेखांकित किया। राष्ट्रपति ने नर्सों को स्वास्थ्य सेवाओं की डिलिवरी में एक महत्वपूर्ण तत्व माना और कहा कि नर्स स्वास्थ्य से प्रणाली और आम लोगों के बीच की पहली कड़ी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने भी इसी भावना को व्यक्त करते हुए बताया कि कैसे 2020 पूरी दुनिया के लिए कोरोना वैश्विक महामारी की जबरदस्त चुनौती लेकर आया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड वैश्विक महामारी के दौरान कई मौकों पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में नर्सों के योगदान की सराहना की है। उन्होंने जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए इटली की अपनी हालिया यात्रा को याद किया जहां उन्होंने कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान चौबीसों घंटे काम करने वाली नर्सों के नि:स्वार्थ निष्ठा को उजागर किया। उन्होंने कहा, ‘जिस मानवीय भावना, निष्ठा और नि:स्वार्थ भाव से आप लोगों की सेवा कर रहे हैं वह काबिले तारीफ है।’ उन्होंने कहा कि नर्सिंग पेशेवर स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की जिन्होंने कोविड से पीड़ित लोगों की सेवा करते हुए अपनी जान गंवाई है।

डॉ. भारती प्रवीण पवार ने धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए उन सभी नर्सों और कोविड वॉरियर का आभार व्यक्त किया जिन्होंने लोगों की जान बचाने के लिए सबसे कठिन समय में अथक प्रयास किया है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कारों की स्थापना सरकार द्वारा वर्ष 1973 में की गई थी। इसका उद्देश्‍य नर्सों द्वारा समाज को दी गई उमदा सेवाओं को मान्‍यता देना है।

 

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