बिहार चुनाव नतीजे: सबसे बड़ी पार्टी से दूसरे सबसे खराब प्रदर्शन तक, RJD की बिहार में बड़ी हार
चिरौरी न्यूज
पटना: हाई-वोल्टेज बिहार विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती शुरू हुए साढ़े चार घंटे हो चुके हैं, और शुरुआती रुझान मुख्य विपक्षी दल राजद (RJD) के लिए बेहद निराशाजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं। तेजस्वी यादव की अगुवाई में 143 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली पार्टी फिलहाल सिर्फ़ 32 सीटों पर आगे है। अगर यही रुझान कायम रहता है, तो यह राजद के लिए एक बड़ा झटका होगा—खासकर इसलिए क्योंकि 2020 के चुनाव में यही पार्टी सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरी थी।
यह प्रदर्शन राजद के इतिहास में उसका दूसरा सबसे खराब परिणाम साबित हो सकता है। 2005 के चुनाव में, जब नीतीश कुमार एनडीए की शानदार जीत के साथ सत्ता में आए थे, तब राजद को केवल 55 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। उस समय राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थीं और पार्टी सत्ता-विरोधी लहर का सामना कर रही थी। उसके बाद 2010 के चुनाव में राजद अपने सबसे बुरे प्रदर्शन तक जा पहुँची थी, जब पार्टी को केवल 22 सीटें मिली थीं।
बीस वर्षों में कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव और नीतीश कुमार के कई बार पाला बदलने के बाद, भाजपा और जदयू एक बार फिर साथ हैं और इस बार भी भारी जीत की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। दोपहर 12:30 बजे तक दोनों दल 243 सीटों वाली विधानसभा में 191 सीटों पर आगे चल रहे हैं। अगर रुझान नहीं बदलते, तो तेजस्वी यादव अपनी पार्टी को उसकी सबसे बड़ी हार की ओर जाते हुए देख सकते हैं। 36 वर्षीय तेजस्वी अब उस पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं जिसे उनके पिता, लालू प्रसाद यादव, ने 1997 में स्थापित किया था और जिसकी सबसे बड़ी चुनावी जीत उन्होंने ही दिलाई थी।
दिलचस्प यह है कि मुकाबले में मौजूद सभी दलों में राजद का वोट शेयर अभी भी सबसे अधिक है। इसका संकेत है कि पार्टी ने कई सीटें बड़े अंतर से जीती हैं, लेकिन करीबी मुकाबलों में बढ़त को निर्णायक जीत में बदलने में नाकाम रही है।
हालाँकि मतगणना अभी कई चरणों में जारी है और आगे चलकर तस्वीर बदल भी सकती है। पर फ़िलहाल के रुझान यही कहते हैं कि राजद काफ़ी पीछे है और एनडीए आराम से सरकार बनाने की स्थिति में नज़र आ रहा है।
