रक्त को पतला करने वाली दवा कोरोना के उपचार में मददगार

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: कोरोना के इलाज़ के लिए दुनिया भर में रिसर्च हो रहे हैं, कई देशों और संगठनों ने वैक्सीन बनाने के दावे भी किये हैं। लेकिन शायद ही कोई ज्यादा कारगर रहा है। अब तक कई दवाओं के प्रयोग कोरोना की रोकथाम के लिए किये गए हैं।

अब डॉक्टरों ने कहा है कि रक्त पतला करने वाली सामान्य दवा लो मॉलिक्यूलर वेट हेपरिन (LMWH) से कोविड-19 रोगियों के लिए एक संभावित उपचार में मदद मिल रही है। डॉक्टरों ने कहा कि दवा एक सीधे लगाये जाने वाले इंजेक्शन के बाद अस्पताल में भर्ती की अवधि को कम करने में मदद करती है और रिकवरी दर में सुधार करती है। इस दवा के प्रयोग से अचानक होने वाली मौत की दर में 90 फीसदी से अधिक कमी आ सकती है।

लो मॉलिक्यूलर वेट हेपरिन दवा के नतीजों से उत्साहित विशेषज्ञों ने कहा कि अब देश भर में डॉक्टर्स इस दवा का उपयोग रक्त में होने वाली जलन और इसके थक्के बनने से रोकने के लिए एक रोगनिरोधक (निवारक) चिकित्सा के रूप में कर रहे हैं। इस दवा का उपयोग कोरोना की रोकथाम के लिए किये जा सकते है।

कोरोना के उपचार कर रहे एक डॉक्टर ने कहा कि  इटली की पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स से पता चला है कि कोविड-19 से नसों में छोटे रक्त के थक्के (माइक्रो-थ्रोम्बस) बनते हैं, और साथ ही सूजन भी हो जाती है। उन्होंने कहा कि भारत में डॉक्टर महामारी की शुरुआत से ही ब्लड थिनर, मुख्यतः LMWH का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन उनका उपयोग अब कई गुना बढ़ गया है। उनके प्रभावी होने के साक्ष्य भी बढ़ रहे हैं।

आज देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 78,761 नये मामले सामने आये जिसके बाद रविवार को संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 35 लाख के पार पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिये गये आंकड़ों के अनुसार अब तक कोविड-19 के 27,13,933 मरीज ठीक हो चुके हैं। कुल मामलों की संख्या बढ़कर 35,42,733 हो गई और कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 63,498 पर पहुंच गई।

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