80 किलोमीटर पैदल चल कर दुल्हन पहुंची शादी करने
शिवानी रजवारिया
नई दिल्ली: नाम गोल्डी, उम्र 19 साल, साधन कुछ भी नहीं, पैदल ही; कानपुर देहात मंगलपुर से कन्नोज़ बैसपुर तक का सफर। लगभग 80 किमी की दूरी और साथ में छोटा सा एक बैग, 12 घंटों में भूखे पेट अपने होने वाले दूल्हे से मिलने पहुंची।
यह एक दिलचस्प कहानी है जिसे जानकर आप गोल्डी की हिम्मत और साहस तो देखेंगे साथ ही वैश्विक स्तर पर फैली इस महामारी को गोल्डी ने एक ज़िद्दी छोटे बच्चे की तरह कैसे चिढाया है उसे देख आपके चेहरे पर एक मुस्कान भी आ जायेगी।
1200 किलोमीटर की दूरी साइकिल पर तय करके अपने पिता को कर्मभूमि से जन्मभूमि ले जाने वाली 13 साल की ज्योति के साहस को सलाम पर आज एक दुल्हन का साहस भी देखिए, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।
दरअसल, लॉकडाउन के चलते कानपुर देहात मंगलपुर की रहने वाली गोल्डी की शादी वीरेंद्र कुमार राठौर से तय हुई थी। वीरेंद्र कुमार राठौर कन्नौज के बैसपुर गांव में रहता है। गोल्डी की शादी लॉकडाउन के दूसरे चरण में 4 मई को तय हुई थी इससे पहले कि शादी मुकम्मल हो पाती लॉकडाउन होने की वजह से शादी की डेट को आगे बढ़ा कर 17 मई कर दिया गया। लेकिन लॉकडाउन के चौथे चरण की घोषणा के कारण शादी की दूसरी डेट का भी हटाने की सोच विचार होने लगा। शादी की डेट फिक्स होने से पहले ही लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत हो गई। पूरे देश में लॉकडॉउन में किसी भी तरह की भीड़-भाड़ से विशेष तौर पर परहेज़ अनिवार्य है, इसी के कारण कोई भी महोत्सव, मनोरंजन कार्यक्रम किसी भी तरह का सभा-समारोह पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है।
से में होने वाली दुल्हन ने महामारी की वजह से आ रही रुकावट को मात देने की सोची और किसी को बिना बताए घर से निकल पड़ी। 12 घंटे में 80 किलोमीटर की दूरी तय करके बिना कुछ खाए अपने होने वाले दूल्हे के घर पर जा खड़ी हुई। पहले तो वीरेंद्र कुमार के घरवालें गोल्डी को देखकर हैरान रह गए पर जब उसने पूरी बात बताई तब वीरेंद्र के घरवालों ने अपनी होने वाली दुल्हन का स्वागत किया और गोल्डी के घरवालों से संपर्क किया। दोनों के परिवारजनों ने शांतिपूर्वक बात की और नियमों और निर्देशों का ध्यान रखते हुए वीरेंद्र और गोल्डी की शादी गांव के एक मंदिर में जाकर संपूर्ण करवाई। मंदिर में हुई शादी के दौरान दोनों परिवारों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा।
गोल्डी ने बातचीत करने के दौरान इस तरह से भागने का कारण यह बताया कि वह नहीं चाहती थी कि उनकी शादी को टालने का कारण देश में चल रही महामारी बनें। वे इस महामारी को मात देना चाहती थी। दुल्हन ने बताया कि वह इस महामारी को अपनी शादी के बीच में नहीं आने देगी इसलिए बिना बताए घर से अपने होने वाले दूल्हे के घर पहुंच गईं।
दोनों के परिजनों की सहमति के साथ गोल्डी और वीरेंद्र का गांव के मंदिर में विधि विधान के साथ शादी रचाया गया। गांव वालों ने भी पूरी तरीके से इसका समर्थन किया अब सोशल मीडिया पर गोल्डी और वीरेंद्र की शादी की फोटो खूब वायरल हो रही है। लॉकडॉउन के इस वक्त में लोग बहुत सी परेशानियों से गुजर रहे हैं यह परेशानियां शारीरिक, आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक भी हैं।