लेकिन फुटबाल के भगवान नहीं बन पाएँगे रोनाल्डो

राजेंद्र सजवावन

इससे पहले कि चैम्पियंस लीग से बाहर होने के बाद फुटबाल प्रेमी पुर्तगाल के महान फुटबालर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बारे में कोई राय बना पाते कि एक दिन बाद रोनाल्डो ने तिकड़ी जमा कर बता दिया कि उसमें अभी बहुत फुटबाल बाकी है। शायद महान खिलाड़ी ऐसे  ही होते हैं। तभी तो पेले महान ने रोनाल्डो की उपलब्धि को अभूतपूर्व करार दिया और कहा कि मेरे 767 प्रथम श्रेणी गोलों के कीर्तिमान को तोड़ना आसान काम नहीं था। रोनाल्डो ऐसा कर पाए हैं तो वह अवश्य ही बेहतरीनतम खिलाड़ियों में स्थान पा जाते हैं।

रोनाल्डो ने करियर के 770 गोल पूरे  कर लिए हैं और गोलों के शिखर पर खड़े हैं।  हालाँकि उनके पास लंबा समय नहीं बचा है और हो सकता है कि एक दो साल में सन्यास घोषित कर दें लेकिन उनके पास जैसे अचूक निशाने लगाने की योग्यता और क्षमता है उसे देखते हुए नहीं लगता कि वह जल्दी ही अलविदा कहना चाहेंगे। सिर्फ़ ल्योंन मेस्सी ही उनके रिकार्ड के करीब हैं और अधिकाधिक गोल जमा कर ही रोनाल्डो से पार पा सकते हैं।

लेकिन यह सच है कि  ल्योन मेस्सी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो फुटबॉल के भगवान शायद ही बन पाएँगे।  कल तक जिन्हें पेले और माराडोना की टक्कर का खिलाड़ी माना जा रहा था उनके भाग्य को शायद कुछ और ही मंजूर है। भले ही वे गोलों की झड़ी लगा दें लेकिन पेले और माराडोना जैसा कद उन्हें इसलिए नसीब नहीं हो पाएगा क्योंकि उनके पास फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप की ट्राफ़ी नहीं है। वर्ल्ड कप 2018 को उनकी अग्निपरीक्षा माना जा रहा था लेकिन क्रमशः फ्रांस और उरुग्वे ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। अब2022 पर नज़रें गड़ाए हैं। इस बीच तमाम देशों के पास नये और दमदार खिलाड़ियों की फ़ौजें खड़ी हो गई हैं। हालाँकि मेस्सी और रोनाल्डो ढलती उम्र में भी करिश्मा कर सकते हैं।  वैसे भी दोनों का फुटबाल करियर करिश्माई रहा है।

पेले और माराडोना ने अपने देश के लिए वर्ल्ड कप जीते इसलिए इतिहास मे उन्हें अलग जगह मिली । इस मामले मे अपने समय के कटु प्रतिद्वंद्वी मेस्सी और रोनाल्डो पिछड़ गए। परस्पर प्रतिद्वंद्विता के चलते दोनों ने अनेक रिकार्ड बनाए और तोड़े । पिछले डेढ़ दसक मे उनके नाम  कई कीर्तिमान दर्ज़ हुए । देश के लिए सर्वाधिक मैच खेलने , गोल दागने, सर्वाधिक तिकड़ी जमाने और क्लब फुटबॉल मे गोलों की बरसात करने की होड़ मे दोनों ने एक दूसरे को बार बार पीछे छोड़ा । लेकिन वर्ल्ड कप जीतने का सपना कोई भी पूरा नहीं कर पाया|भविष्य मे भी ऐसा संभव नहीं लगता। कोई करिश्मा हो जाए तो बात अलग है वरना मेस्सी और रोनाल्डो का चार साल बाद फिर से वर्ल्ड कप मे खेलना आसान नहीं होगा।

इसे विडंबना ही कहेंगे कि जिन महान खिलाड़ियों को पूरी दुनिया ने सिर आँखों बिठाया, जिनके एक एक गोल पर करोड़ों दिल धड़कते रहे और जिनको फुटबॉल इतिहास के सबसे सक्षम और सफलतम विरोधी माना गया उनका विश्व विजेता बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया।  शायद ऐसा इसलिए भी नहीं हो पाया क्योंकि फुटबॉल टीम खेल है और अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।  लेकिन फुटबॉल जगत उनकी कलाकारी और गोल जमाने के महारथ को शायद ही कभी भुला पाए। देखना यह होगा कि रोनाल्डो कहाँ जाकर ठहरते हैं और मेस्सी उनके गोल रिकार्ड को तोड़ पाएंगे या कब तक उनका पीछा करते रहेंगे!

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं. )

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