कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों में की दखलअंदाजी

शिवानी रज़वारिया

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी की है। भारत में हो रहे किसान आंदोलन के समर्थन में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दूसरी बार कहा है कि कनाडा भारत में प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करता है। वह अपने अधिकारों के लिए शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करते हैं।

इससे पहले भी जस्टिन ट्रूडो भारत में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर अपना बयान दे चुके हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने उनके बयान पर सख्त आपत्ति जताई थी और इसके लिए विदेश मंत्रालय ने भारत मे कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब भी किया था। उसके बावजूद जस्टिन ट्रूडो का फिर से गुरु नानक जयंती पर किसानों के समर्थन में बयान आया है। गुरु नानक जयंती पर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सिख कम्युनिटी के लोगों को संबोधित किया था और संबोधित करते हुए पीएम ने बयान दिया।

कनाडा में सिख कम्युनिटी के लोगों की भारी संख्या है और भारत में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर कनाडा के सिख कम्युनिटी लोगों में भी चिंता बनी हुई है। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि भारत से किसानों के प्रदर्शन को लेकर जो खबरें आ रही हैं, वो चिंताजनक हैं। हमें आप लोगों के परिजनों और दोस्तों की बहुत चिंताएं हैं।

जस्टिन ट्रुडो के इस बयान पर विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि, “कनाडा के उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय तलब किया गया था और उन्हें कनाडा के पीएम, कुछ कैबिनेट मंत्रियों और संसद के सदस्यों के बयान की जानकारी दी गई है, जो कि भारत में किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी कर रहे हैं, ये बयान हमारे आतंरिक मामलों में दखंलदाजी के समान है।”

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा कि अगर ऐसी बयान बाजी होती रही तो दोनों देशों के संबंधों के बीच गंभीर असर पड़ सकता है।

भारत ने अपनी ओर से स्पष्ट संकेत दिया था पर जस्टिन ट्रूडो के बयानों में कोई फर्क नहीं आया। उन्होंने शुक्रवार को फिर किसानों के पक्ष में बयान बाजी की जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि वह किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों के लिए हमेशा खड़े रहेंगे। जब ट्रूडो से पूछा गया कि भारत की ओर से कहा जा रहा है कि उनके बयान का दोनों देशों के रिश्तों पर गंभीर असर हो सकता है तो उन्होंने कहा, “कनाड़ा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों और मानवाधिकारों के लिए हमेशा खड़ा रहेगा।

पीएम ट्रूडो से जब एक बार फिर से भारत-कनाडा के संबंधों पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “कनाडा दुनिया में कहीं भी किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा रहेगा। हमें खुशी है कि इस दिशा में बातचीत आगे बढ़ रही है और प्रगति हो रही है।”

 

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