स्वर्गीय चेतन चौहान ने बताई थी राज की बात, सचिन को ब्रेडमैन के रिकॉर्ड सपना लगते हैं

राकेश थपलियाल
भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री रहे चेतन चौहान का कुछ दिन पूर्व कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। चेतन चौहान बड़े जीवट वाले खिलाड़ी रहे और कड़ी मेहनत से क्रिकेटर, चयनकर्ता, मैनेजर, प्रशासक, सांसद, विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनट मंत्री बने। वह क्रीडा भरती के राष्टट्रीय अध्यक्ष भी थे। उनकी सफलता का राज मेहनत करना और जिम्मेदारी की भवना रखना रहा। मेरे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध रहे थे। क्रिकेट के मैदान और फिरोजशाह कोटला स्थित उनके कमरे में क्रिकेट और क्रिकेटरों के बारे में उनके साथ काफी चर्चा होती थी।
चेतन अपने करियर में कभी टेस्ट शतक नहीं बना सके। एक बार मैं और चेतन चौहान क्रिकेट मैच की कमेंट्री के दौरान आॅल इंडिया रेडियो के एक शो में मौजूद थे। एंकर ने पूछा चेतन जी आप कभी टेस्ट मैचों में शतक क्यों नहीं बना पाए? इससे पहले कि चेतन कुछ बोलते मैंने कहा, ‘ये कभी टेस्ट शतक नहीं बना पाए इसलिए क्रिकेटर के रूप में रिटायर होने के वर्षों बाद भी ये आज तक इतने मशहूर हैं। अगर एक शतक बना दिए होते तो आज इस पर चर्चा नहीं हो रही होती। भारतीय क्रिकेट में एक टेस्ट शतक लगाने वाले अनेक क्रिकेटर हैं उन्हें कोई नहीं पूछता है।’ चेतन का टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ स्कोर 97 रन का रहा है।


एक बार मैंने सचिन तेंदुलकर की खासियतों के बारे में पूछा तो चेतन चौहान ने बताया, ‘यह 2001 में भरतीय क्रिकेट टीम के जिम्बाब्वे के दौरे की बात है। मैं भारतीय टीम का मैनेजर था। एक दिन सचिन ब्रेडमैन के बारे मे लिखी एक किताब पढ़ रहे थे। सर डॉन के रिकॉर्ड पढ़ने के बाद सचिन तेंदुलकर ने मुझसे कहा, ‘यह रिकॉर्ड देख लगता है कि यह सपना है। ऐसा लगता ही नहीं कि वास्तव में ऐसा हुआ होगा। यह संभव ही नहीं लगता।’ उन दिनोंं सचिन के रन कुछ ज्यादा नहीं बन रहे थे।

मैंने उनकी जुबान से ब्रेडमैन का जिक्र सुना तो मैंने सोचा उन्हे ब्रेडमैन का ही उदाहरण देता हूं। मैंने कहा, ‘सचिन आपको मैं पिछल कई वनडे और टेस्ट मैचों में देख रहा हूं और यह नोट किया है कि आप हवा में ज्याद शॉट खेल रहो। इस वजह से बार-बार कैच आउट हो रहे हो। आपकी तुलना ब्रेडमैन के साथ होती है, लेकिन मैंने जितनी भी रिकॉर्डिंग में उन्हें बल्लेबाजी करते देखा है, उनमें वह कभी हवा में ऊंचे शॉट खेलते नहीं दिखाई दिए हैं। वह यह तो लेट कट कर रहे होते हैं, कवर ड्राइव मार रहे होते हैं या फिर पुल शॉट मार रहे होते हैं। आपको मेरी सलाह है कि हवा में शॉट खेलना बंद कर दो इससे आपके रन 15 से 20 प्रतिशत बढ़ जाएंगे।’ मेरी बात सुनने के बाद सचिन ने कोई जवाब तो नहीं दिया, लेकिन सारी बात को बड़े ध्यान से सुना था। वह सीनियर क्रिकेटरों की बहुत इज्जत करने वाले खिलाड़ी हैं। उनका व्यवहार जूनियर और सीनियर सभी क्रिकेटरों के साथ बहुत ही अच्छा रहता है, इसलिए सभी उनका सम्मान करते हैं।
यहां एक बात बतानी जरूरी है कि ब्रैडमैन ने अपने 52 टेस्ट के करियर में केवल  छह छक्के जमाए।
चेतन ने एक और किस्सा सुनाते हुए कहा, ‘कई बार ऐसा होता है कि कोई खिलाड़ी रन बहुत बनाता है, अच्छा परफार्म करता है, लेकिन मिलनसार नहीं होता। इसलिए टीम में उन्हें ज्यादा सम्मान नहीं मिल पाता। मुझे याद है कि आस्ट्रेलिया के पर्थ में कुछ बच्चे एक स्टैंड में खड़े होकर बहुत सचिन-सचिन चिल्ला रहे थे। जब सचिन की पारी खत्म हो गई तो मैंने कहा, ‘सचिन अगर आप इन बच्चों से बात कर लोगे तो इन्हें अच्छा लगेगा और यह पब्लिक रिलेशन की अच्छी एक्सरसाइज रहेगी।’ सचिन तुरंत मान गए। काफी देर तक सचिन ने बच्चों को आटोग्राफ दिए, कुछ दर्शकों ने अपने मोबाइल से उनके फोटो भी खींचे। इसके बाद सभी ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। ’
चेतन ने कहा, यह किस्सा बताने के पीछे मेरा मकसद यह दर्शाना है कि सचिन अपने सीनियरों की हर बात को बड़े ध्यान से सुनते हैं, इसीलिए वह इतने महान हैं।
चेतन महान क्रिकेटर और शानदार व्यक्तित्व के धनी के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे।

(लेखक खेल टुडे पत्रिका के संपादक हैं)

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