उपभोक्‍ताओं ने बदली अपनी प्राथमिकताएं और पर्यावरण, अपशिष्‍ट एवं स्‍वास्‍थ्‍य पर दे रहे हैं ध्‍यान

Consumers have changed their priorities and are paying attention to environment, waste and healthचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: टेट्रा पैक ने अपनी नवीनतम टेट्रा पैक इंडेक्‍स रिपोर्ट में खुलासा किया है कि कैसे कोविड-19 ने उपभोक्‍ताओं को जीवन जीने के तरीके पर फ‍िर से सोचने के लिए मजबूर किया है, और मौलिक रूप से बदलाव पर उनकी क्‍या प्रतिक्रिया है। महामारी ने मानवीय संपर्क, घर पर परिवार के साथ समय बिताना और घर के बाहार सामाजिक दायरे का विस्‍तार, पर उपभोक्‍ताओं के महत्त्व को सुदृढ़ किया है। इन संबंधों को गहरा बनाने में भोजन और पेय पदार्थों के वितरण ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मूल रूप से, वैश्विक महामारी के दौरान अनुभव की गई व्‍यक्तिगत, आर्थिक और पर्यावरणीय नाजुकता ने ‘चिंता’ से ‘सक्रिय देखभाल’ करने की ओर बढ़ाया है, और स्‍वयं को, अपने भोजन, अपने समुदायों और ग्रह को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने की इच्‍छा पैदा की है। महामारी द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रकाश डालने और हमारे फूड सिस्‍टम में कमज़ोरियों को उजागर करने के साथ, खाद्य सुरक्षा भी शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। पर्यावरण के लिए भी लोग बहुत चिंतित हैं, नौ देशों के उपभोक्‍ताओं में से 83 प्रतिशत ने प्रदूषण और समु्द्र में फेंके जाने वाले प्‍लास्टिक कचरे को लेकर संयुक्‍त चिंता व्‍यक्‍त की और 78 प्रतिशत ने ग्‍लोबल वार्मिंग को लेकर अपनी चिंता व्‍यक्‍त की। ये खाद्य बर्बादी (77 प्रतिशत) और खाद्य उपलब्‍धता (71 प्रतिशत) जैसी चिंताओं से आगे हैं। इस बीच, वैश्विक आबादी का लगभग आधा (49 प्रतिशत) हिस्‍सा अब पर्यावरण पर रोजमर्रा की पसंद के प्रभाव के बारे में जान रहा है।

प्रणीत त्रिपुरारी, मार्केटिंग डायरेक्‍टर, टेट्रा पैक साउथ एशिया ने कहा, “इस साल के टेट्रा पैक इंडेक्‍स से पता चलता है कि उपभोक्‍ता एक सकारात्‍मक प्रभाव पैदा करने के लिए व्‍यावहारिक रूप से दैनिक जीवन में कैसे अपनी जीवनशैली में समझौता कर रहे हैं, क्‍योंकि वे अधिक मजबूत और सुरक्षित भविष्‍य चाहते हैं। पारंपरिक ‘बैक-टू-बेसिक्‍स’ मूल्‍यों जैसे होम कुकिंग, पारिवारिक भोजन, और कचरे को कम करना आदि में वृद्धि हो रही है। महामारी ने पूरे समाज में ठोस कदम उठाने की मजबूत मांग के साथ एक महत्‍वपूर्ण प्रवृत्ति के रूप में जिम्मेदार खपत को मजबूत किया है। दिलचस्‍प बात है कि भारत में, हम एक अधिक समग्र दृष्टिकोण की ओर एक आक्रामक बदलाव देख रहे हैं, जिसमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुरक्षित और मजबूत रहने के साधन के रूप में उभरे हैं। कार्यात्‍मक भोजन, विशेषरूप से वे जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं, लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं।”

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