साइबर अपराधियों ने लॉकडाउन में लूटे लाखों रुपये, 90 फीसदी बढ़ा साइबर क्राइम

अभिषेक मल्लिक

नई दिल्ली: कोरोना की तबाही को कम करने के लिए पिछले कुछ महीनों से लॉकडाउन लगाया गया था, लेक़िन फिर भी इसमें कमी नही आयी। फ़िलहाल कुछ राज्यों को छोड़कर पूरे देश में अनलॉक 1 लागू है, जिसमें कुछ शर्तों के साथ सभी प्रकिया को खोल दिया गया है। इस लॉकडाउन में ज्यादातर लोगों ने ऑनलाइन लेनदेन किया, लेकिन इसकी वज़ह से देश में साइबर अपराध बढ़ गया। साइबर अपराधियों ने लोगों को लूटने के लिए ऑनलाइन लेनदेन को अपना हथियार बना लिया। इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन के दौरान साइबर घटना से जुड़े आने वाली शिक़ायतों में करीब 90 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली में एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट इंटरनेट बैंकिंग इन तमाम तरह की ऑनलाइन सेवा जुड़े मामलों में धोखाधड़ी से जुड़े अपराध बढ़े हैं। पुलिस को मिली शिकायतों में वित्तीय धोखाधड़ी में 50 प्रतिशत से अधिक शिकायतें सामने आई हैं, जबकि ऑनलाइन धोखाधड़ी में 20 फीसदी अधिक मामलों की बढ़ोतरी हुई गयी है, अन्य धोखाधड़ी मामलों में 20 फीसदी शिकायतें पुलिस के पास आई हैं।
धोखेबाजों ने लॉकडाउन में सरकारी योजना का लोभ दिखाकर लोगों को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया है। कुल धोखाधड़ी में में 60 फ़ीसदी शिकायतें ऑनलाइन ही मिली हैं। क्योंकि लोगों ने इस लॉकडॉउन में पुलिस के पास पहुँचने के बजाय फोन से संपर्क कर या ईमेल पर ही शिकायतें भेजी हैं। इसपर सावधानी बररते हुए पुलिस का साफ तौर पर यही कहना है कि संदिग्ध मेल या किसी मैसेजिंग एप्प पर आने वाली किसी भी मैसेज को बिना जांच पड़ताल करते हुए न खोले या किसी भी लिंक को बिना किसी जांच के न क्लिक करें। किसी अनजान लोगों से किसी भी प्रकार का डिटेल ना साझा करें। अपना पासवर्ड मजबूत बनाए, और अपने एटीएम का पिन या पासवर्ड भी समय समय पर बदलते रहें। इस तरह की गाइडलाइन को फॉलो कर हम इस तरह की धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
आकड़ो के मुताबिक लॉकडाउन से पहले चार माह 4009 मामलें सामने आए थे और लॉकडाउन के समय चार माह में 8092 मामलें सामने आए हैं। इस वजह से हमें अपनी सुरक्षा का और पुख्ता इंतजाम करना होगा।

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