रामकथा से श्रद्धालु हुए भाव विभोर
चिरौरी न्यूज़
फरीदाबाद: टीम पंडितजी की तरफ से आयोजित रामकथा में भरत मिलाप का वर्णन करते हुए श्री राम चरित मानस कथा के प्रसंग में कथावाचक श्री हरिमोहन गोस्वामी जी ने श्रीराम चंद्र जी के अयोध्या वापिस आने पर अयोध्या नगरी में घी के दिए जलाए गए थे तथा रात्रि के समय दीपमाला की गई। इस अवसर पर कथावाचक ने भरत मिलाप का वर्णन विस्तारपूर्वक किए। उन्होंने कहा कि कलियुग में प्राणी मात्र (मनुष्य) के कल्याण का सबसे सरल व सुगम साधन है श्रीराम कथा है। कथा के श्रवण मात्र से ही जीव सहज भवसागर से पार हो जाता है। इसके बाद आरती कर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
सेक्टर 52 के दशहरा मैदान में आयोजित इस रामकथा में एनआईटी के विधायक व कथावाचक पंडित श्री नीरज शर्मा जी ने कहा कि दुनिया में आनेवाला इंसान जन्म से पहले ही अपनी मृत्यु की तारीख यमलोक में निश्चित करके आता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जो आत्मा संसारिक सुख भोगने के लिए संसार में आई है, वह एक दिन वापस जरूर जाएगी, यानि इंसान को एक दिन मरना ही है। संगीतमय श्रीराम कथा में कथावाचक पंडित श्री नीरज शर्मा जी ने बताया कि इंसान और ईश्वर के भीतर एक बड़ा अंतर है। इसलिए हम भगवान के लिए मरना शब्द का इस्तेमाल कभी नहीं करते हैं। श्रीराम को भगवान विष्णु का महान अवतार माना जाता है। हिदू धर्म के प्रमुख तीन देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से भगवान विष्णु के कई अवतारों ने विभिन्न युग में जन्म लिया। जिसमें से भगवान राम सातवें अवतार माने जाते हैं।