रणजी ट्रॉफी में भारतीय क्रिकेट सितारों का निराशाजनक प्रदर्शन, रोहित, यशस्वी, शुभमन और ऋषभ ने किया निराश

Sunil Gavaskar is happy with Rohit Sharma's return to Ranji Trophy, 'Real experience comes only from batting in the match'
(File Pic credit/BCCI)

चिरौरी न्यूज़

मुंबई: 23 जनवरी को रणजी ट्रॉफी में भारतीय क्रिकेट टीम के बड़े नामों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। कप्तान रोहित शर्मा, यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत जैसे सितारे बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाए, जिससे उनके फॉर्म को लेकर चिंता बढ़ गई है। चैंपियंस ट्रॉफी नजदीक आने के साथ ही रणजी ट्रॉफी को इन खिलाड़ियों के लिए अपनी तैयारी को पुख्ता करने का एक अहम मंच माना जा रहा था, लेकिन परिणाम उम्मीदों के बहुत दूर रहे।

रोहित शर्मा का घरेलू क्रिकेट में लगभग एक दशक बाद वापसी करना मुंबई और जम्मू-कश्मीर के बीच खेले गए एलीट ग्रुप ए मुकाबले में एक बड़ी चर्चा का विषय था। हालांकि, यह खुशी जल्दी ही निराशा में बदल गई। यशस्वी जयसवाल के साथ ओपनिंग करते हुए रोहित सिर्फ 3 रन बना सके, जबकि जयसवाल भी केवल 5 रन पर आउट हो गए। इन दोनों के आउट होने के बाद मुंबई की पारी गिरती चली गई, जिससे यह सवाल उठने लगे कि टीम अपने स्टार खिलाड़ियों पर कितना निर्भर है।

वहीं, ऋषभ पंत की रणजी ट्रॉफी में छह साल बाद वापसी भी निराशाजनक रही। दिल्ली की ओर से सौराष्ट्र के खिलाफ खेलते हुए पंत सिर्फ एक रन बनाकर आउट हो गए। fearless खेल के लिए प्रसिद्ध इस खिलाड़ी के लिए यह प्रदर्शन बेहद निराशाजनक था।

शुभमन गिल, जो एक और युवा सितारे के रूप में देखे जा रहे थे, ने भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ा। पंजाब की ओर से कर्नाटक के खिलाफ बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेलते हुए गिल सिर्फ 4 रन बनाकर आउट हो गए। युवा ओपनर की यह मुश्किल घड़ी भारत के लिए चिंताजनक है, खासकर जब टीम को दोनों फॉर्मेट्स में अपनी बैटिंग लाइनअप को स्थिर करने की जरूरत है।

इन प्रमुख खिलाड़ियों के निराशाजनक प्रदर्शन ने भारत की बैटिंग स्थिरता पर चर्चा को जन्म दिया है, खासकर जब चैंपियंस ट्रॉफी बस नजदीक है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने बार-बार घरेलू क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय चयन के लिए अहम बताया है, ऐसे में इन सितारों का रणजी ट्रॉफी पर प्रभावी प्रदर्शन न कर पाना एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

रणजी ट्रॉफी को भारत के प्रमुख खिलाड़ियों के लिए अपना फॉर्म और लय हासिल करने का अहम अवसर माना जा रहा था। हालांकि, 23 जनवरी को इन खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन ने फैंस और चयनकर्ताओं को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या टीम का बैटिंग लाइनअप आगामी अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के लिए तैयार है।

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