एसीटीएफ के राष्ट्रीय सलाहकार बनाये गये डॉ बीरबल झा
न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली: अखिल भारतीय प्रधान संगठन की एलायड ‘एंटीकोरोना टॉस्क फोर्स’ के राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में डॉ बीरबल झा को नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति की जानकारी देश के जाने माने राजनीतिक रणनीतिकार एवं एंटीकोरोना टॉस्क फोर्स के राष्ट्रीय संयोजक कृष्ण कुमार ने पत्रकारों को दी। कुमार बताया कि डॉ बीरबल झा न केवल प्रख्यात लेखक हैं बल्कि अच्छे रणनीतिकार एवं जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
एसीटीएफ का राष्ट्रीय सलाहकार का पदभार संभालने के बाद डॉ बीरबल झा ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट का कारण बन चुके कोरोना वायरस से भयभीत मानव जाति की भलाई के काम में जुटी एसीटीएफ को और भी मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा। फिलहाल एसीटीएफ के बैनर तले पूरे देश में लगभग 25 हजार स्वयंसेवक अपनी सेवा दे रहे हैं जिनमें डॉक्टर, रिटायर्ड अफसर, जज, वकील तथा पत्रकार समेत समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हैं।
कई सामाजिक आंदोलनों में प्रमुख भूमिका निभा चुके डॉ बीरबल झा का एसीटीएफ में स्वागत करते हुए कृष्ण कुमार ने कहा कि अब हम और अधिक ताकत व उत्साह के साथ देश की जनता की सेवा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए डॉ झा द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर दिया गया सुझाव बेहद कारगर रहा है। इससे हजारों लोगों को कोरोना से संक्रमित होने से बचाने में कामयाबी मिली।
चीन के वुहान में कोरोना की दस्तक देने के बाद साल की शुरुआत में लोगों को जागरूक करने के लिए नई दिल्ली में डॉ बीरबल झा ने ‘नमस्ते मार्च’ का आयोजन कर मीडिया एवं जनमानस का ध्यान आकर्षित किया और भारतीय संस्कृति की महत्ता को जन जन तक पहुंचने का काम किया। इस नमस्ते मार्च के जरिए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को पश्चिमी शैली ‘हैंशेक’ से अभिवादन की जगह भारतीय अभिवादन परंपरा नमस्ते को अपनाने पर जोड़ दिया था। यह समाजिक अभियान काफी कारगर रहा था। डॉ झा द्वारा दिए गए स्लोगन ” नो हैंशेक फॉर हेल्थसेक” काफी लोकप्रिय हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले 27 वर्षों से डॉ बीरबल ‘अंग्रेजी फॉर ऑल’ नारे के साथ भाषा के सबसे बड़े सामाजिक अभियानों में से एक में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। यही नहीं, मिथिलालोक फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में उनके द्वारा शुरू चलाये गए ‘पाग बचाओ अभियान’ के ही कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार द्वारा 2017 में मिथिला पाग पर डाक टिकट जारी किया गया था। उनकी इन अभूतपूर्व सफलताओं को देखते हुए सालल 2017 में प्रकाशित एक पुस्तक में डॉ. झा को मिथिला के ‘यंगेस्ट लिविंग लीजेंड’ से नवाज़ा गया था ।