अंग्रेजी में है दम: डॉ बीरबल झा
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: ब्रिटिश लिंग्वा के संस्थापक डॉ बीरबल झा ने अब तक कई छात्र छात्राओं को अंग्रेजी बोलना और लिखना सिखाया है । आज के दौर में जब अंग्रेजी की महत्ता किसी से छुपी नहीं है, तब उनका ये काम कई सारे बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त करने में सहायक होता है। डॉ बीरबल झा ने कहा कि, “1990 के दशक में जब भूमंडलीकरण का दौर शुरू ही हुआ था तो बिहार की राजधानी पटना से एक नयी शुरुआत हुई। और इस पहल का धनात्मक प्रभाव यों पड़ा कि समाज के वंचित वर्ग को भी आगे बढ़ने का मौका मिला। भाषाई बाधा के दिवार कमजोर हुआ, युवा वर्ग अंग्रेजी कौशल से लैस हुआ।”
डॉ बीरबल झा ने सन् 1993 में पटना के बोरिंग रोड और अशोक राजपथ पर ब्रिटिश लिंग्वा की स्थापना की। ताकि बिहार जैसे आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े राज्य के लोगों, विशेषकर महिलाओं को अंग्रेजी बोलने में दक्षता हासिल हो और वे देश की मुख्य धारा से जुड़ सकें। तब से आज तक हजारों लोगों ने इस संस्थान की मदद से उच्चतर शिक्षा पाने में सफल हुए। उन्हे अच्छी नौकरियां मिली है। और वे अपनी जीवन शैली को बेहतर करने में सफल हुए।
ब्रिटिश लिंग्वा के संचालक लब्धप्रतिष्ठित डॉ बीरबल झा किसी मिशनरी की तरह से काम करते हैं। खुद अपने जीवन के शुरुआती दौर में ग़रीबी और अंग्रेजी नहीं जानने के कारण के कारण उन्हें समाज में उपेक्षा का दंश झेलना पड़ा। इसलिेए उन्होंने अंग्रेजी में प्रवीणता हासिल कर समाज के युवा वर्ग की रोजी-रोजगार एवं जीवनशैली को बेहतर करने हेतु एवं समाजिक परिवर्तन के लिये एक मिशन बनाया।
डॉक्टर बीरबल झा के इस अथक प्रयास का ही प्रतिफल कि हजारौं महिलाओं भी अंग्रेजी कौशल क्षमता पाकर स्वालंबी बनी एवं नई पीढी की जिन्दगी सम्बारने का काम किया। आज डॉ झा देश में अंग्रेजी शिक्षण का पर्याय एवं आदर्श बन गये हैं। डॉ झा कहते हैं, “अंग्रेजी में है दम, कर लें इसे हासिल, आप नही किसी से कम”। डॉ बीरबल का तीन दशक पुराना नारा ‘इंग्लिश फ़ॉर ऑल’ आज चरितार्थ हो रहा है।