‘श्रीराम कथा के रसपान से हर समस्या का समाधान होता है’

चिरौरी न्यूज़

फरीदाबाद: व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार मानस का पाठ जरूर करना चाहिए। भक्त जब दिग्भ्रमित हो जाता है तो भगवान गुरु के रूप में मार्ग दिखाते हैं। संसार में ऐसे बहुत से लोग हुए जिनका भगवत कृपा प्राप्त होने से जीवन बदल गया। समाज में कोई नहीं जो श्रीराम के सौंदर्य से प्रभावित न हो।  इंसान की समस्त समस्याओं का समाधान श्रीराम कथा है। इंसान श्रीराम कथा से भव सागर पार कर सकता है। हमारे मन का विकार काम, क्रोध, लोभ ही त्रिपुरासुर है। राम राज्य की संकल्पना उत्तम कार्य व व्यवहार से ही संभव है।
ये बातें सेक्टर 52 दशहरा मैदान में टीम पंडित जी द्वारा आयोजित श्रीराम कथा में कथावाचकों ने कही। बता दें कि एनआईटी फरीदाबाद के विधायक पंडित श्री नीरज शर्मा और कथावाचक श्री हरिमोहन गोस्वामी जी लगातार श्रीराम कथा का वाचन कर रहे हैं। श्रद्धालु इन दोनों कथावाचकों के माध्यम से श्रीराम कथा का श्रवण कर रहे हैं।
असंध (करनाल) से कांग्रेस के विधायक विधायक शमशेर सिंह गोगी जी ने श्रीराम कथा के इस भक्तिमय आयोजन के लिए विधायक पंडित नीरज शर्मा को बधाई दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जिस तन्मयता के साथ नीरज भाई ने यह कथा कराया है, वह अनुकरणीय है।  श्रीराम कथा की सार्थकता तभी होगी जब हम श्रीराम के आदर्शों पर चलेंगे। श्रीराम के परम भक्त भरत जी के आचरण का वर्णन नहीं किया जा सकता क्योंकि भरत जैसा कोई श्रीराम का स्नेही न हुआ और न होगा।
पंडित श्री नीरज शर्मा ने भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान करते हुये कहा कि भगवान राम ने जगत को उजागर किया, जगा दिया। उन्होंने कहा कि जगत राम जी का स्वरुप है। जीवन में जब सीता राम दिखेगा तो सारे कर्म अच्छे होते जायेंगे। मानस में दशावतार की चर्चा करते हुये कहा कि जब जब धर्म की हानि और अधर्म बढ़ता है तो भगवान किसी न किसी रुप में अवतार लेते है। भगवान धर्म की रक्षा हेतु कभी मत्स्य रुप में, कभी कच्छप, वराह, तो कभी भगवान नृसिंह रुप में, और कभी वामन अवतार किया तो कभी श्रीराम अवतार, श्रीकृष्ण अवतार , परशुराम अवतार, बुद्ध अवतार, कल्कि अवतार में पृथ्वी पर आकर लोगों की रक्षा की। पंडित श्री नीरज शर्मा ने कहा कि श्रीराम के वनवास जाने से अयोध्या में 12 अनर्थ आ गये। राम, लक्ष्मण, सीता को वनवास, चक्रवर्ती महाराजा दशरथ की मृत्यु, कैकेई का विधवा वेश और अयोध्या की प्रजा के लिए संकट। उन्होंने कहा कि कृष्ण ने योगी, कर्म योग बनने की बात कही है। पर रामायण प्रयोशास्त्र है। यहां राम कहते है कि योगी बनो या न बनो पर उपयोगी बनो।

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