अलविदा अरुण रॉय, फुटबाल परिवार को आपकी बड़ी कमी खलेगी

राजेंद्र सजवान

अक्सर बड़े और तजुर्वेकार लोग किसी मित्र या संबंधी की मृत्यु पर कहते मिल जाएंगे कि अच्छे लोगों की भगवान के घर में भी जरूरत है। इसलिए ऊपर वाला उन्हें समय असमय अपने पास बुला लेता है। ऐसा ही एक अच्छा और सच्चा इंसान फुटबाल दिल्ली ने भी खोया है, जोकि हर लिहाज से बेहद अच्छा, सच्चा और नेक था।

अन्तर्राष्ट्रीय फुटबाल खिलाड़ी अरुण रॉय 29 अप्रैल की सुबह हार्ट फेल हो जाने के कारण ईश्वर को प्यारे हुए। वह पिछले चार साल से बीमार थे।

62 वर्षीय अरुण ने भारतीय स्कूली और विश्वविद्यालय टीमों का प्रतिनिधित्व किया और अपने समकालीन खिलाड़ियों में खूब नाम कमाया। मिड फील्ड और विंगर की पोजिशन पर वह एक माहिर खिलाड़ी और स्पीड, स्टेमिना और गोल दागने की कला में बेजोड़ थे। यही कारण है कि दिल्ली के बड़े क्लबों ने उन्हें हाथों हाथ लिया।

यंग बंगाल, शिमला यंग्स, मून लाइट और कई अन्य नामी क्लबों को सेवा देने वाले अरुण को फुटबाल का खेल विरासत में मिला था। उनके बड़े भाई आचिंतो और सुशांत रॉय पहले ही फुटबाल में खास मुकाम बना चुके थे। चौथे और सबसे छोटे भाई तरुण रॉय भी गजब के स्ट्राइकर रहे। तरुण ने भारतीय फुटबाल टीम को सेवाएं दे कर रॉय परिवार की शान बढाई।

यह संयोग है कि मुझे सुशांत, अरुण और तरुण के साथ खेलने और एक दूसरे को करीब से समझने का मौका मिला। दिल्ली के टाप क्लबों के लिए उनके साथ खेलने का अनुभव शानदार रहा। खासकर, अरुण के साथ इंटर कालेज और दिल्ली लीग का अनुभव अभूतपूर्व था। पंजाब नेशनल बैंक के जाने माने डिफेंडर भीम सिंह भंडारी और सुभाशीष दत्ता के साथ उनकी जोड़ी सालों साल जमी।

भीम अपने नाम के अनुरूप फिट और हिट डिफेंडर थे। उन्हें और सुभाशीष को कलकत्ता के बड़े क्लबों के लिए खेलने के ऑफर मिले। भीम पारिवारिक कारणों से नहीं खेल पाए जबकि सुभाशीष मोहमड्डन स्पोर्टिंग के लिए खेले।

कभी फुटबाल की नर्सरी कहे जाने वाले विनय नगर बंगाली स्कूल की प्रॉडक्ट रहे रॉय बंधु दिल्ली की फुटबाल में बेहद अनुशासित खिलाड़ियों के लिए जाने गए।

रॉय परिवार के सभी भाई एक से बढ़कर एक खिलाड़ी रहे और विभिन्न सरकारी विभागों और बैंकों ने उन्हें अपनी टीम का हिस्सा बनाया। अरुण को पैरालेटिक अटैक के कारण चार साल पहले दिल्ली आडिट की नौकरी छोड़नी पड़ी थी। वह अपने पीछे पत्नी और दो बेटे छोड़ गए हैं और छोड़ गए हैं वो यादें जिनको याद कर उनके साथी खिलाडियों और फुटबाल प्रेमियों की आंखें नम होती रहेंगी।

दिल्ली की फुटबाल के स्टार खिलाडियों भीम भंडारी, सुभाशीष, कमल जदली, रविन्द्र रावत, वीरेंद्र मालकोटी, अनादि बरुआ और दिल्ली साकर एसोशिएसन के वरिष्ठ पदाधिकारियों नरेंद्र भाटिया, हेम चंद, अध्यक्ष शाजी प्रभाकरण ने अरुण रॉय की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की और कहा कि उन्होंने एक भला इंसान खो दिया है।

अलविदा अरुण! हम सब ने एक प्यारा दोस्त और नेक इंसान खो दिया है।

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