स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया भारत में कब आएगी कोरोना वैक्सीन और सबसे पहले किसको लगेगी

शिवानी रज़वारिया

नई दिल्ली: देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना का कहर एक बार फिर लोगों की जान ले रहा है। राजधानी दिल्ली में पिछले 6 दिन के अंदर 628 लोगों ने अपनी जान गवा दी है। नवंबर महीने की शुरुआत से ही कोरोना के मामलों ने धीमी रफ्तार को तेजी में तब्दील कर दिया और संक्रमण के मामले इतने बढ़ने लगें कि केंद्र और राज्य सरकार सकते में आ गई।

एक तरफ देश में महापर्व दिवाली और छठ की तैयारियां चल रही थीं वहीं दूसरी ओर कोरोना का सैलाब उमड़ रहा था। केंद्र और राज्य सरकारी अपनी ओर से कोरोना को रोकने के लिए हर संभव इंतजाम करने की कोशिश में लगे हैं।

सभी इंतजामों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि, “कोरोना के खिलाफ जंग का यह 11वां महीना चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि पूरी दुनिया में 250 कोरोना वैक्सीन कंपनी हैं। इनमें से 30 की नजर भारत पर है। देश में पांच वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। 2021 के पहले तीन महीने में हमें वैक्सीन मिलेगी। सितंबर तक 25 से 30 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन दी जाएगी।” भारत में कोरोना वैक्सीन आने के बाद सबसे पहले वह किसको दी जाएगी इसका खुलासा भी स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने किया।

उन्होंने बताया कि, “सबसे पहले हेल्थ वर्कर को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर, पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद 65 साल से ऊपर के उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगेगी। फिर 50 साल से अधिक के ग्रुप को और फिर कोमर्बिडिटी के मरीजों को।”

“कोरोना से लड़ने के लिए सरकारों और लोगों को जागरूक किया। कोरोना के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है। स्थिति भयंकर से भयंकर होने के बाद भी कंट्रोल में है। देश में 90 लाख कंफर्म केस में करीब 85 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। सबसे ज्यादा रिकवरी रेट भारत का है।”

हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कुछ शहरों में कोरोना के हालात पर चिंता भी जताई और कहा कि, “कुछ शहरों में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। हमने लोगों को आगाह किया था। बेसिक प्रोटोकॉल को फॉलो करने का निर्देश दिया गया है। पहला केस 30 जनवरी को आया था। इसके बाद हमने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की। हमारी टीम हर जगह जा रही है।”

राजधानी दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के खतरे पर केंद्र स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “दिल्ली की हालत को कंट्रोल में लाने के लिए केंद्र सरकार ने दो बार दखल दिया था। राज्य सरकार को बकायदा सभी तरह की जानकारी दी गई। इसका नतीजा रहा है कि कोरोना का खतरा कम हुआ। अब दोबारा से हमने दखल दिया है। कोरोना टेस्ट बढ़ाने पर जोर है।

डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि दिल्ली में सरकार के साथ लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वह कोरोना को कंट्रोल करें। कुछ पढ़े-लिखे लोगों की लापरवाही के कारण दिल्लीवासियों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। RT-PCR की क्षमता को बढ़ाया गया है। मोबाइल टेस्टिंग वैन की शुरुआत की जा रही है। हम जो कुछ भी कर सकते थे, वो कर रहे हैं।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने यह भी जानकारी दी कि, “टेस्ट और ट्रेसिंग से कोरोना को रोका जा सकता है। तुरंत ही ट्रेसिंग की जरूरत है। सुपर स्प्रेडर वाली जगहों पर टेस्ट किया जाना चाहिए। दिल्ली में पॉल्युशन भी सबसे बड़ी समस्या है। मैंने पहले ही लोगों को आगाह कर दिया था। कई राज्यों में समस्या कम हो गई है। हम सभी सरकारों के संपर्क में हैं। जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हर अपडेट पर नजर रखे हुए हैं। पहले दिन से ही वह लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हम सरकारों के साथ मिलकर कोरोना को फिर से हराएंगे।”

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