बॉलीवुड में आयटम नंबर का बढ़ता क्रेज़
आकांक्षा सिंह
नई दिल्ली: बॉलीवुड फिल्मों में आयटम नंबर खाने में आचार की तरह हो गया है। थोडा ही परोसा जाता है, लेकिन स्वाद सभी को याद रहती है। अब तो ये कहा जाने लगा है कि बॉलीवुड फिल्मों में अगर गाने न हो तो लगता है जैसे शरीर में जान ही नहीं है। गाने के बिना हिंदी फिल्मों की कल्पना नहीं की जा सकती है, हालांकि कुछ फ़िल्में ऐसी भी बनी है जिसमें गाने नहीं हैं, लेकिन उनकी संख्या न के बराबर है।
अब तो तक़रीबन सभी फिल्मों में एक ऐसा गाना होता है जिसे आयटम नंबर कहा जाता है। और ये आयटम नंबर फिल्मों के दूसरे लोकप्रिय गानों पर भारी पड़ता है। कई सारी ऐसी फ़िल्में हैं जो आयटम नंबर के कारण दर्शकों को सिनेमा घर तक खींच लायी है।
भारतीय सिनेमा में आइटम सांग फिल्मों में डालने वाला एक ऐसा गीत है जिसका फ़िल्म के प्लाट से संबंध हो भी सकता है और नहीं भी। एक आइटम नंबर का मुख्य उद्देश्य फ़िल्म देखने वालों का मनोरंजन करना है, और जिसके लिए आजकल प्रोड्यूसर्स पैसे खर्च करने को तैयार रहता है।
फिल्मों में आइटम नंबर किसी पर भी फिल्माया जा सकता है, इसका कहानी से कोई लेना देना नहीं होता है, लेकिन दर्शकों के मनोरंजन के लिए इसे फिल्म में रखा जाता है। बॉलीवुड में आइटम नंबर सिर्फ महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष भी करते हैं लेकिन आइटम गर्ल ज्यादा फेमस होतीं है।
बॉलीवुड में आइटम नंबर 1930 से 1940 के दशक से ही दिखाई देने लगे थे। अज़ूरी और कोयल लोकप्रिय अभिनेत्रियाँ थी जो ज्यादातर आइटम नंबर करती थी। 1949 में कोयल ने 17 आइटम गीतों में अभिनय किया था। कोयल ने कोरस लड़की के रूप में एंग्लो-बर्मीज़ हेलेन को बॉलीवुड में पेश किया। हेलेन ने फ़िल्मों में कोरस डांसर के रूप में शुरुआत की और ‘मेरा नाम चिन चिन चु’ से फ़िल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा मुकाम हासिल किया। धीरे धीरे आइटम नंबर का चरण महत्वपूर्ण हो गया जहाँ वैम्प और लीड एक हो गए। पुराने ज़माने की फिल्मों में आयटम नंबर हेलेन के जिम्मे था, और इस से उन्हें ख्याति भी प्राप्त हुई, फिर उसके बाद बिंदु, अरुणा ईरानी, सिल्क स्मिता, जैसी कई अभिनेत्रियों ने आयटम नंबर किये।
1980 और 1990 के दशक आते आते फिल्मों में आयटम नंबर अनिवार्य हो गया, लेकिन सही मायनों में इसे लोकप्रिय बनाया शिल्पा शेट्टी पर फिल्माया गया गाना मैं आई हूँ यू पी बिहार लूटने ने। शूल फिल्म का ये गाना बहुत पोपुलर हुआ और लोगों ने शिल्पा शेट्टी के इस एक आयटम नंबर ने फिल्म में चार चाँद लगा दिए। हालांकि फिल्म मनोज वाजपयी की शानदार अभिनय और कसे हुए पटकथा की बदौलत कामयाब हुई थी, लेकिन लोगों की जुबान पर ये गाना चढ़ गया था। मीडिया ने भी इस गाने के बाद शिल्पा शेट्टी को “आइटम गर्ल” के रूप में संदर्भित किया। इसके बाद तो आयटम नंबर की झड़ी लग गयी। और इसे बॉलीवुड में इंट्री का शॉर्टकट भी माने जाने लगा।
मल्लिका शेहरावत 2007 तक सबसे महंगी आइटम गर्ल बन गई थीं, जिन्होंने फ़िल्म आप का सुरूर- द रियल लव स्टोरी’ में “महबूबा महबूबा” के गाने के लिए 15 मिलियन चार्ज किए थे। नए दौर के आइटम सांग में कुछ ऐसे है जिन्हें आज भी लोग पसन्द करते है और उनकी चर्चा भी होती है जैसे कि – ‘लैला मैं लैला’ 2017 के इस सांग ने बॉलीवुड में गजब की पहचान बनाई। इस सांग में शाहरुख खान और सनी लियोनि ने साथ मे परफॉर्म किया था।इस आइटम सांग से सनी की बॉलीवुड में एक आइटम डांसर की तरह पहचान बनी।
फ़िल्म ‘तीस मार खान’ का सांग ‘शीला की जवानी’ जिसका आइटम डांस कट्रीना कैफ ने किया था, उसे यूट्यूब पर अब तक 90 मिलियन से भी ज़्यादा लोगों ने देखा है और एक लंबे वक्त तक यह सांग ट्रेंड में भी था। ‘राम चाहे लीला’ सांग में प्रियंका चोपड़ा का अलग अंदाज और आइटम डांस चौंका देने वाला है। दीपिका पदुकोने पर भी ऐसा ही गाना फिल्माया गया. ऐसे ही कई आइटम सांग एक के बाद एक आने लगे जिसकी वजह से लोगों का फ़िल्मों के प्रति क्रेज और बढ़ गया।
फ़िल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई एक्ट्रेस है जिनके द्वारा किये गए आइटम सांग यादगार बन गए है। जिन्हें आज भी एक ट्रेंड की तरह सुना जाता है। ऐसी कुछ हीरोइन का ज़िक्र करें तो वह है- याना गुप्ता, सुष्मिता सेन, राखी सावंत, शिल्पा शेट्टी, शेफाली ज़रिवाला, मलाइका अरोरा, उर्मिला मातोंडकर, माधुरी दिक्सित, सनी लियॉन, ऐश्वर्या राय बच्चन,श्रद्धा कपूर, करीना कपूर, प्रियंका चोपड़ा, बिपाशा बासु, मलिका शेरावत, नरगिस फाकरी, गौहर खान, ज़रीन खान, प्राची देसाई, कटरीना कैफ, दीपिका पादुकोण, दिया मिर्ज़ा, रानी मुखर्जी, रवीना टंडन, लारा दत्ता, श्री देवी, हेलेन। यह कुछ ऐसी फीमेल एक्ट्रेस है जिनके आइटम सांग आज भी हम सब सुनते है। हालांकि यह लिस्ट बेहद कम है ऐसी और भी कई एक्ट्रेस है जिनका आइटम सांग यादगार रहा है।
महिलाओं के साथ साथ पुरूष भी आइटम सॉन्ग में काफी फेमस रहे है। अभिषेक बच्चन ने रक्त फ़िल्म में एक आइटम नंबर किया था, और बाद में ‘ओम शांति ओम’ में “दर्द-ए-डिस्को” सांग में आइटम नंबर किया। क्रेजी-4 में ऋतिक रोशन ने भी एक आइटम सांग किया। रणबीर कपूर ने चिल्लर पार्टी में एक आइटम नंबर किया था। शाहरुख़ खान और ऐश्वर्या राय का इश्क कमीना गाना बहुत पोपुलर हुआ था. अमिताभ बच्चन के साथ कजरारे कजरारे गाने में भी ऐश्वर्या ने कमाल किया था.
साल 1930 से 2020 तक के फ़िल्मी दुनिया के आइटम सांग के इस सफ़र में बहुत कुछ बदल गया है। आज की फ़िल्म की कहानियों में दम नहीं भी हो तो चलता है लेकिन उसके आइटम सांग में दम होना चाहिए। आइटम सांग का चलन जितनी खूबसूरती से हुआ था उसे उस प्रकार अब नहीं दिखाया जाता है। आज के इस दौर में आइटम सांग को छोटे कपड़े और सेक्सी लुक में ज़्यादा देखा जाता है। अब आइटम सांग के महत्व लीड रोल नहीं बल्कि आकर्षित करने का एक केंद्र बना दिया गया है।