गलवान के बाद अब अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर भारतीय नौसेना अलर्ट
अभिषेक मल्लिक
नई दिल्ली: चीन के साथ हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। लेकिन भारत के तरफ से भी चीन को इसका बदला लेने के लिए चेतावनी दे दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे जवानों के बलिदान खाली नहीं जाएंगे।
लेकिन इसी बीच वरिष्ठ रक्षा विशेषज्ञ और भारतीय रक्षा एजेंसियां के वरिष्ठ अधिकारी अंडमान निकोबार द्वीप समूह को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। भारत चीन सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच विशेषज्ञ अंडमान निकोबार पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इसकी पुष्टि नेवी के वरिष्ठ अधिकारी ने किया है, उनका मानना है की पीएलए के नेवी प्रिंट खोलने पर अंडमान को खतरा हो सकता है। देश में जिस तरह की स्थिति पनप रही है ऐसे में अंडमान के समुद्री क्षेत्रों में भी पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है।
भारतीय नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत चीन सीमा पर हुई झड़प और पीएलए का रवैया देखकर ये कहा जा सकता है कि चीन भारत से और विवाद नहीं बढ़ा सकता है। यूं कहें तो चीन भारत से और बड़े पैमाने पर लड़ाई बढ़ाने के मूड में नहीं है। क्योंकि जिस तरह गलवान घाटी में भारतीय जवानों ने चीन को जिस अंदाज में जवाब दिया है, उससे बाद वह उस क्षेत्र में तो कोई गलत कदम उठाने से पहले एक बार जरूर सोचेगा।
लेकिन फिर भी अधिकारियों का मानना है कि गलवान में मुँह की खा चुका चीन किसी और रास्ते से भारत को नुकसान पहुंचाने का प्रयास जरूर करेगा । अगर देखें तो चीन ने कुछ दिन पहले कई द्वीपों पर अपने मिलिट्री बेस बनाने की शुरुआत की है और अब वह ऐसे और इलाकों ढूंढने की कोशिश में लगा है जहाँ से भारत को आसानी क्षति पहुंचाया जा सके। ऐसी स्थिति अंडमान निकोबार के क्षेत्र में चीन की नज़र होगी। अधिकारियों का ये भी कहना है कि इंडियन मेनलैंड से करीब 700 नॉटिकल माइल्स दूर अंडमान निकोबार पर और ध्यान देने की जरूरत है। लेकिन भारत पहले से ही चीन से जुटे हर सीमा पर अपनी तैयारी शुरू कर दिया है।