जल जीवन मिशन: केंद्र सरकार ने राजस्थान को दिए 10,181 करोड़ रुपये

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: देश के हर गाँव के हर घर तक पीने का साफ पानी नल से नियमित रूप से पहुंचाने के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वप्न को साकार करने के लिए, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान को केंद्रीय आबंटन में चार गुना वृद्धि को मंजूरी देते हुये राज्य के लिए वर्ष 2021-22 में ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत 10,180.50 (दस हजार एक सौ अस्सी करोड़ पचास लाख रुपये) का प्रावधान किया है। राजस्थान के लिए वर्ष 2019-20 में ‘जल जीवन मिशन’ के तहत केन्द्रीय अनुदान की राशि 1,301.71 करोड़ रुपये थी, जो 2020-21 में बढ़ाकर 2,522.03 करोड रुपये कर दी गई थी। श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने वर्ष 2024 तक राज्य को ‘हर घर जल’ बनाने में केंद्र के ओर से हर संभव सहायता का भी भरोसा दिया है।

15 अगस्‍त 2019 को प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में नल से पीने का साफ पानी पहुंचाने के उद्देश्य से ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की गई थी ताकि देश के लोगों, खासकर महिलाओं और बालिकाओं के जीवन-स्तर में सुधार आए। उद्देश्य यह है कि किसी भी गाँव में कोई भी घर पीने के पानी के नल कनैक्शन से वंचित न रहे। उस समय देश के गांवों में स्थित कुल 19.20 करोड़ घरों में से केवल 3.23 करोड़ (यानी मात्र 17%) घरों में ही नल से पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध थी । आज यह संख्‍या बढ कर 7.50 करोड़ (यानी कुल ग्रामीण घरों का 39%) हो गई है। ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत केवल 21 महीनों में ही 4.25 करोड़ से ज्‍यादा ग्रामीण परिवारों को, यानी लगभग 22% और घरों को पीने के पानी के नल कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराए गए हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब तक गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा पुद्दूचेरी ‘हर घर जल’ अर्थात ऐसे राज्य अथवा संघशासित क्षेत्र बन गए हैं, जहां हर ग्रामीण घर में नल से पीने के पानी  की सुविधा उपलब्ध है। कई अन्य राज्य भी इस दिशा में तेजी से कार्य करते हुये राष्ट्रीय लक्ष्य अर्थात 2024 से पहले ही ‘हर घर जल’ बनने के लिए प्रयासरत  हैं। देश में अब तक 62 जिले और 90 हजार से अधिक गांव ‘हर घर जल’ बन चुके हैं।

आज राजस्‍थान में कुल 101.32 लाख ग्रामीण घरों में से केवल 19.84 लाख घरों यानि 19.58 %  में ही नल से पीने का पानी उपलब्ध है। वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य में केवल 1.02 लाख और 2020-21 के दौरान 6.81 लाख घरों को नल कनेक्‍शन दिए गए।  राज्‍य में ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्‍शन देने की मौजूदा गति को देखते हुए ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत तय समय सीमा का अनुपालन हो पाना अत्‍यंत कठिन प्रतीत हो रहा है। वर्तमान में राजस्‍थान में केवल 3.41 लाख ग्रामीण घरों को ही नए नल जल कनेक्‍शन देने संबंधी जलापूर्ति परियोजनाएं चल रही हैं, जबकि जिन जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किए गए हैं उनसे भी केवल 6.06 लाख ग्रामीण घरों तक ही पीने के पानी का नल कनेक्‍शन पहुंच पाएगा।

2019-20 में राजस्‍थान को 1,301.71 करोड रुपये का केंद्रीय अनुदान जारी किया गया था. राज्‍य के पास उस समय 313.67 करोड रुपये का ओपनिंग बैलेंस भी मौजूद था; मगर वर्ष के अंत में इसमें से भी 995.07 करोड रुपये खर्च नहीं हो पाए। 2020-21 में राज्‍य को 2,522.03 करोड रुपये का केंद्रीय अनुदान आवंटित किया गया जिसमें से राजस्‍थान सरकार ने केवल 630.51 करोड रुपये ही लिए; इस प्रकार राज्‍य  सरकार ने ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने के लिए खर्च किए जाने वाले 1,891.52 करोड रुपये की अनुदान राशि नही ली। राज्‍य उपलब्‍ध केंद्रीय अनुदान की राशि में से 863.53 करोड रुपये भी खर्च नहीं कर पाया।

राजस्थान में जल जीवन मिशन को लागू करने की धीमी गति पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुये राज्य के मुख्य मंत्री को हाल में एक विस्तृत पत्र भी भेजा है जिसमे उन्होने राज्य से फिर आग्रह किया है कि राज्‍य में पेय जल आपूर्ति को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी जाए तथा आयोजना और कार्यान्‍वयन में तेजी लाई जाए ताकि राज्‍य आवंटित धनराशि का पूरा उपयोग करते हुए केंद्रीय अनुदान की पूरी राशि हासिल कर सके। श्री शेखावत ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि अगर राज्‍य सरकार पेय जल आपूर्ति के कार्यों को प्राथमिकता प्रदान करे, और ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत दिए जा रहे केंद्रीय अनुदान का पूरा उपयोग करे तो इससे राज्‍य के ग्रामीण इलाकों में भारी पूंजी निवेश हो सकेगा। इसके फलस्‍वरूप गांवों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के ठोस अवसर भी उपलब्‍ध होंगे।

हाल ही में राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, द्वारा राज्य की वार्षिक कार्य योजना की समीक्षा के लिए आयोजित गोष्ठी में राजस्थान को तेजी से काम करने के बारे में कई सुझाव दिये गए।

वर्ष 2020-21 में राज्य में 20.70 लाख के लक्ष्य के मुक़ाबले 6.81 लाख घरों में ही नल के पानी के कनैक्शन दिये जा सके। अतः राजस्थान में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए वर्ष 2021-22 के लिए राज्य ने 30 लाख घरों, तथा वर्ष 2022-23 और वर्ष 2023-24 के लिए क्रमशः 35 लाख और 16.75 लाख घरों तक नल से पीने का पानी उपलब्ध करने की योजना बनाई है। जिससे वर्ष 2024 तक राजस्थान ‘हर घर जल’ राज्य बन सकेगा। आर्सेनिक, फ्लुओराइड, नाइट्रेट तथा लवणीकरण से प्रभावित लगभग 1,950 गांव भी 2021-22 की योजना में शामिल हैं।

राज्य को सुझाव दिया गया है कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उपलब्‍ध राशि का उपयोग प्रभावी ढंग से हो इसके लिए एक समुचित मासिक व्‍यय योजना तैयार की जानी चाहिए तथा ‘जल जीवन मिशन’ की आयोजना तथा कार्यान्वयन की राज्य स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा की जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इस आह्वान पर, कि बच्चों को पीने का शुद्ध पानी मिले, जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पिछले वर्ष 2 अक्‍टूबर को एक विशेष अभियान शुरु किया था जिसके तहत सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में भी पीने, हाथ धोने के लिए तथा शौचालयों में पाइप से जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी है। अनेक पड़ोसी राज्‍यों जैसे हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात और अन्य राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, गोवा, तमिल नाडु, तेलंगाना और केन्द्रशासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप-समूह ने उपरोक्‍त सभी संस्‍थानों में नल का जल पहुंचाने में 100 प्रतिशत कामयाबी हासिल कर ली है। राजस्‍थान में वर्तमान में 41,768 स्कूलों (48.45%) और 16,879 आंगनवाड़ी केंद्रों (31.74%) में नल से पीने का जल पहुंचाने का काम हो सका है। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और  समुचित साफ सफाई के लिए यह आवश्यक है कि प्राथमिकता के आधार पर इसी वर्ष  इन सभी संस्थानों में नल से जल की आपूर्ति कर दी जाए।

राज्य को अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों के अतिरिक्त, इस वर्ष  अन्य प्राथमिकता वाले जिलों जैसे आकांक्षी जिलों, सूखा -प्रभावित या रेगिस्तानी क्षेत्रो तथा सांसद  आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत लिए गए गांवों में शीघ्र नल से पीने का पानी उपलब्ध करने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा राजस्थान को जल जांच प्रयोगशालाएँ को और बेहतर बनाने तथा प्रयोगशालाओं के एनएबीएल से मान्यता लेने पर बल दिया है।  पानी की क्‍वालिटी की जांच और निगरानी से जुडी गतिविधियों को भी सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जिसके लिए प्रत्येक गांव में विशेषतः आंगनवाड़ी, आशा, स्वयं सहायता समूहों, पंचायत तथा स्कूल अध्यापकों आदि में से 5 महिलाओं को तुरंत ट्रेनिंग दिये जाने की आवश्यकता है, ताकि वह फील्ड टेस्ट किट्स (FTKs) के प्रयोग से पेय जल-स्रोतों की तथा जल आपूर्ति पॉइंट्स की नियमित और स्वतंत्र रूप से जांच कर सकें।

‘जल जीवन मिशन’ का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्‍शन के माध्‍यम से नियमित रूप से लंबे समय तक शुद्ध पेय जल उपलब्‍ध कराना है। अतः, इस आपूर्ति से जुडी अन्य सहायक गतिविधियां, जैसे कि पानी समितियों को मजबूती और अधिकार प्रदान करना, 15वें वित्त आयोग की सह-अवधि के लिए सभी गांवों हेतु  पंचवर्षीय “ग्राम कार्य योजना” बनाना, सामुदायिक जागृति पैदा करने के लिए स्वैच्छिक संगठनों को कार्यान्वयन सहायता एजेंसी (आई.एस.ए) के रूप में शामिल करना, स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग देना, अति आवश्यक हैं। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए निर्धारित लक्ष्य 273 के  स्थान पर 69 स्वैच्छिक संगठनों को कार्यान्वयन सहायता एजेंसी (आई.एस.ए) के रूप में शामिल किया जा सका। जल जीवन मिशन के अंतर्गत, जल आपूर्ति सिस्टम के दीर्घकालिक प्रबंधन, संचालन और रखरखाव के लिए कौशल विकास की अत्यधिक आवश्यकता है।

15वें वित्‍त आयोग के तहत पंचायती राज संस्‍थाओं को जलापूर्ति एवं स्‍वच्‍छता के लिए दी जाने वाली राशि के रूप में राजस्‍थान को 2020-21 में 1,931 करोड रुपये और 2021-22 में 1,712 करोड रुपये आवंटित किए गए हैं। अगले पांच वर्षों यानी 2025-26 तक इस कार्य के लिए कुल 9,032 करोड़ रुपये की धनर‍ाशि की पक्‍की व्‍यवस्‍था है। अतः राज्य के पास ग्रामीण क्षेत्रो में हर घर तक नल से पीने का पानी पंहुचाने के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है।

वर्तमान में राजस्थान के पास, केंद्रीय अनुदान, आउटस्टैंडिंग बैलेंस, राज्य के समतुल्य अंश तथा पिछले शार्टफॉल को मिला कर ‘जल जीवन मिशन – हर घर जल’ को लागू करने के लिए इस वित्‍त वर्ष में 22,494.17 करोड रुपये का विशाल कोष उपलब्‍ध है। राज्य सरकार को यह सलाह दी गई है कि  मिशन से जुडे कार्यों की आयोजना, अनुमोदनों और कार्यान्‍वयन – इम्‍प्‍लीमेंटिंग एजेंसी को धनराशि के हस्‍तांतरण सहित – आदि में तेजी लाई जाए। जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी से राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।

 

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