जानिए…कैसे गुब्बारे बनें एक शहर की तबाही का कारण
शिवानी रज़वारिया
आपने बहुत से वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में सुना होगा और पढ़ा होगा हर साल कोई ना कोई वर्ल्ड रिकॉर्ड बनता हैं और इतिहास में दर्ज हो जाता है लेकिन एक ऐसा रिकॉर्ड शायद आपने पहले नहीं सुना होगा जिसके कारण एक पूरा शहर तबाही के मंजर पर आकर खड़ा हो गया। जी आज ऐसे ही एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की जद्दोजहद के बारे में जानते है।
दरअसल बात 27 सितंबर 1986 की है, जब यूनाइटेड वे आफ क्लेव लेन्ड नाम के एक संस्थान ने एक विशालकाय रिकॉर्ड बनाने के बारे में योजना बनाई। जो एक साथ 20 लाख गुब्बारों को हवा में उड़ाना चाहते थे। यह एनजीओ एक साथ सबसे ज्यादा गुब्बारे हवा में उड़ा कर एक फन बलून इवेंट करना चाहती थी इसके लिए उन्होंने इसकी जिम्मेदारी los Angeles base firm Balloonart of Treb को दी थी। इसकी प्रॉपर तैयारी में इन्हें 6 महीने लग गए, वॉलिंटियर्स करने वाले स्टूडेंट्स के अलावा इस फेस्टिवल को देखने के लिए अच्छी खासी पब्लिक भी जमा हो गई थी। सुबह से ही 2500 वॉलिंटियर्स ने गुब्बारों को फुलाना शुरू कर दिया था। इन को कवर करने के लिए चैनल से रिपोर्टर भी वहां आ गए। इतने बड़े लेवल पर हो रहे इस इवेंट को कवर करना खुद में एक बड़ा रिकॉर्ड था और एक नया वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड बनने वाला था। इस बात की खुशी भी थी।
इससे पहले 1985 में डिज्नीलैंड ने अपनी 30th एनिवर्सरी पर 10 लाख गुब्बारों को हवा में छोड़ने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया हुआ था, लेकिन आज टारगेट 20 लाख गुब्बारों का था। इसके लिए ओहायो के क्लीवलैंड शहर के पब्लिक स्क्वायर पर जालीनुमा कपड़े से चकोर तीन मंजिला बिल्डिंग जैसा एक स्ट्रक्चर तैयार किया गया जिसकी हाइट 25 फीट थी जिसमें एक-एक करके सभी गुब्बारों को इकट्ठा किया जाने लगा ऐसा इसलिए किया गया था कि जब 20 लाख गुब्बारे इसमें इकट्ठा हो जाएंगे तो इन्हें एक साथ उड़ाया जाएगा।
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये दृश्य कितना मनोहारी होने वाला था। आसमान को रंगने की तैयारी चल रही थी। किसी को क्या पता था कि कुछ बड़ा करने की चाह में यूनाइटेड वे।।। अपना ही नुकसान कर बैठेगा और इतिहास में यह टेरिस्ट्टेटिंग इवेंट के नाम से जाना जाएगा अब आप सोचेंगे कि रंग बिरंगे गुब्बारे भला कैसे किसी को नुकसान पहुंचा सकते हैं तो आपको बता दें यहां गुब्बारों ने नहीं बल्कि कुदरत ने इस इवेंट की तबहाई को अंजाम दिया।
मौसम रिपोर्ट के मुताबिक उस दिन काफी तेज हवा चलने वाली थी बारिश होने की भी आशंका थी। यह पता चलने के बाद निश्चय किया गया कि 20 लाख की जगह 15 लाख गुब्बारों को ही हवा में उड़ाया जाएगा और वह समय भी आखिरकार आ ही गया जब गुब्बारों को पब्लिक स्क्वायर से आसमान में छोड़ा गया यह दृश्य अद्भुत था। इसे देखकर लोग खुशी में तालियां बजा रहे थे और यह मान लिया गया था कि इस फेस्ट ने अपना इतिहास रच दिया और एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया गया है। लेकिन इसके बाद जो हुआ वह सबको चौंकाने वाला था।
गुब्बारों को फुलाने के लिए हिलियम गैस उपयोग में लाया गया था। हीलियम गैस के गुब्बारे हवा में इसलिए उड़ते हैं क्योंकि हीलियम गैस हवा से काफी हल्की होती है लेकिन अगर हिलियम गैस के गुब्बारे ठंडे वातावरण के संपर्क में आते तो वह ऊपर नहीं उड़ पाते इसका कारण यह है जैसे ही हिलियम गैस ठंडी हवा के संपर्क में आती हैं उसके मॉलिक्यूल एनर्जी लॉस करने लगते हैं। गुब्बारा पहले की तरह नहीं रहता। ऊपर जाने की जगह नीचे आने लगते हैं वैसा ही हुआ जैसा की वेदर रिपोर्ट में बताया गया था ठंडी हवाएं चलने लगी और बारिश की बूंदे भी गिरने लगी। गुब्बारे ठंडी हवा के संपर्क में आते ही ऊपर उड़ने की जगह आसमान से धरती की ओर आने लगे।
इतने बड़ी संख्या में गुब्बारों का नीचे आना लोगों के लिए मुसीबत का कारण बना। कई ऐसे हादसे हुए जिनकी वजह से बहुत बड़ी दुर्घटना हुई और कई बड़े कामों में रुकावट पैदा हो गई। हीलियम से भरे 15लाख गुब्बारे जिस स्पीड से ऊपर गए थे उसी स्पीड से नीचे आने लगे और शहर की तबाही का दृश्य शुरू हो गया। पूरे शहर में अफरातफरी मच गई यह सुनने में इतना नुकसानदायक नहीं लगता लेकिन इसकी वजह से जो हुआ हैरान करने वाला है था। इतने गुब्बारों के चलते कई रास्ते, हाईवे।।गुब्बारों से भर गए और कई गाड़ियों की आपस में टक्कर हो गई। इन दुर्घटनाओं में लोगों को गंभीर चोटें भी आई । इतना ही नहीं, रनवे पर इतने गुब्बारे गिरे कि कई फ्लाइट रद्द करनी पड़ी।
मेडिना कंट्री की Louise nowakwski नाम की एक औरत को घोड़े पालने का शौक था। आसमान से इतने सारे गुब्बारे एक साथ अस्तबल में आकर आकर गिरे कि इसकी वजह से घोड़ों में घबराहट हुई और इधर उधर उछल कूद करने लगे, इसके कारण उन्हें चौटे भी लग गई।
औरत ने यूनाइटेड वे के ख़िलाफ़ केस कर दिया। सेटलमेंट के तौर पर यूनाइटेड वे को उस महिला को पैसे भी देने पड़े। इतना ही नहीं Lake EERIE के दो मछुआरें मछली पकड़ने लेक में गए थे यह एक रिसर्च मिशन था। इतनी बड़ी संख्या में गुब्बारों का लेक में आकर गिरना उनके रिसर्च मिशन के लिए घातक साबित हुआ। इतने ज्यादा गुब्बारे लेक में गिरने की वजह से उन मछुआरों को लेक से बाहर निकालना मुश्किल हो गया और कुछ दिन बाद उनकी डेड बॉडी को बाहर निकाला गया जिसमें उनकी मौत का कारण डूबना बताया गया। उनमें से एक मछुआरे की पत्नी ने यूनाइटेड वे पर केस फाइल कर दिया जिसके सेटलमेंट में यूनाइटेड वे को उसे भी पैसे देने पड़े।
वैसे तो यह गुब्बारे बायोडिग्रेडेबल थे। जिससे वातावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन 15 लाख गुब्बारों का कचरा पूरे शहर से साफ करना कितना बड़ा टास्क रहा होगा। रही रिकार्ड की बात तो 1,429,643 गुब्बारे उड़ाने के लिए “द गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” ने यूनाइटेड वे को “लार्जेस्ट इवेंट मास बलून रिलीज” के रिकॉर्ड बनाने के खिताब से नवाजा। एक रिकॉर्ड बनाने के लिए इतने लोगों की अपने जान और माल पर बन आई। अगर मौसम विभाग की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया जाता तो शायद इस हादसे को टाला जा सकता था।